विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के स्वागत के लिये तैयार, कल से कर सकेंगे दीदार
उत्तराखंड की मशहूर फूलों की घाटी की सैर अब सैलानी कर सकेंगे. इसे एक जुलाई से खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
जोशीमठ: प्रकृति प्रेमियों के लिए खुशखबरी है. अब विश्व धरोहर फूलों की घाटी एक जुलाई से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी. पिछले साल फूलों को घाटी 15 अगस्त को खोली गई थी और इस दौरान 942 पर्यटकों ने घाटी का दीदार किया था. इस साल फ़ूलों की घाटी पिछले साल की तुलना में 45 दिन पहले खुल रहा है. जुलाई से अगस्त माह घाटी में 300 से अधिक प्रजाति का फूल खिलते हैं. यह फूलों का खिलने का सबसे बेहतर समय होता है.
तैयारियां पूरी कर ली गईं
पर्यटक न केवल प्रकृति की अनमोल धरोहर बल्कि दुर्लभतम प्रजाति के वन्य जीवों का भी दीदार कर सकेंगे. कोरोना महामारी के बीच वन विभाग ने विश्व धरोहर फूलों की घाटी को भी पर्यटकों के लिए खोलने का निर्णय लिया है. वन विभाग के आलाधिकारियों ने तीन दिनों तक घाटी का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. घाटी में पैदल मार्गों व पुलियों की मरम्मत का काम पहले पूरा हो चुका है. साथ ही 65 हेक्टेयर भूमि से उच्च हिमालयी खरपतवार पौलीगोनम घास को भी उखाड़ने का कार्य भी जारी है.
फूलों की घाटी की व्यवस्थाओं का जायजा लेने नन्दा देवी वायोस्फेयर के प्रभारी निदेशक /वन सरंक्षक अमित कॅवर, व नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के उपवन संरक्षक नन्द बल्लभ शर्मा टीम के साथ पहुंचे. उन्होंने समीक्षा की.
50 से अधिक प्रजाति के फूल खिले
डीएफओ नन्द बल्लभ शर्मा ने बताया कि, फूलों की घाटी 1 जुलाई से खोलने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. घाटी में पैदल मार्ग और पुल का निर्माण भी हो चुका है. इस समय घाटी में 50 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हैं. अब घाटी पर्यटकों के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि, कल घांघरिया चौकी से वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती कल हरी झंडी देकर शुरुआत करेंगे और फूलों की घाटी को 1 जुलाई से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाऐगा. उन्होंने कहा कोविड नियमों के साथ अन्य राज्यों के पर्यटक भी आ सकते हैं. इस दौरान कोविड नियमों का पालन किया जाना आवयश्क होगा. तीनो कोविड टेस्ट में से किसी एक का होना अनिवार्य है.
वन विभाग की टीम फूलों की घाटी खुलने से पूर्व तीन दिवसीय भ्रमण के लिए पहुंचे. आला अधिकारियों में नंदा देवी बायोस्फेयर प्रभारी निदेशक अमित कंवर, डीएफओ नन्द बल्लभ शर्मा के साथ वन दारोगा अनूप कुमार व मनोज उनियाल के अलावा रमेश सिंह व जसपाल सिंह आदि वन कर्मी भी मौजूद थे.
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