UP News: काशी का लक्खा मेला विश्व प्रसिद्ध है. लक्खा मेला में शामिल काशी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है. भगवान जगन्नाथ से जुड़े काशी के इस लक्खा मेला को तीन दिनों तक आयोजित किया जाता है. इस बार यह मेला 7 जुलाई से शुरू होकर 9 जुलाई तक चलेगा. इससे पहले भगवान को विशेष तौर पर 14 दिनों तक भक्तों द्वारा काढ़ा पिलाया जाता है. मान्यता है कि सृष्टि के पालनहार और भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ 14 दिनों तक अस्वस्थ रहते हैं और उसके बाद ही इस मेले का आयोजन शुरू किया जाता है.


लक्खा मेला देखने के लिए उमड़ती है भारी भीड़ 


काशी के विश्व मशहूर लक्खा मेला की शुरुआत 7 जुलाई से होगी जो अगले तीन दिनों तक आयोजित किया जाएगा. भगवान जगन्नाथ का रथ काशी के रथयात्रा स्थान पर रखा जाएगा, जो इसी मेले के नाम पर रखा गया है. भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं. भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ को विशेष तौर पर तुलसी की माला अर्पित की जाती है. इसके अलावा सबसे खास चर्चाओं में रहता है उनको भोग लगाए जाने वाला नान खटाई. नान खटाई को विशेष तौर पर सूजी, मैदा, नारियल और मेवे से तैयार किया जाता है. मेले में आने वाले लोग भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने के साथ-साथ इस नान खटाई को जरूर खरीदते हैं.


भगवान जगन्नाथ को लगेगी 40 तरह के नानखटाई की भोग 


वाराणसी के रथयात्रा स्थल पर आयोजित होने वाले लक्खा मेले में शहर के साथ-साथ दूर दराज से लोग भी पहुंचते हैं. इस बार 7 जुलाई से 9 जुलाई तक इस मेले को आयोजित किया जाएगा और भगवान जगन्नाथ को विशेष तौर पर 40 प्रकार के नान खटाई की भोग लगेगी. जिसमें काजू किशमिश बादाम पंचमेवा सूजी मैदा अनेक फल सहित विशेष सामग्रियों से नान खटाई को तैयार किया जाएगा. रथ यात्रा के आसपास सड़क के किनारे हफ्तों तक नानखटाई की दुकान लगाई जाती हैं, जहां खासतौर पर लोग नान खटाई को खरीदने के लिए पहुंचते हैं. काशी के इस पारंपरिक उत्सव को बेहद खास माना जाता है.


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