वाराणसी: यूपी के वाराणसी में अब गंगा घाट के किनारे होने वाली आरती का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसको लेकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा है कि वाराणसी में गंगा नदी के किनारे के सार्वजनिक घाट स्थायी रूप से सार्वजनिक सम्पत्ति हैं. इसका स्वामित्व राज्य सरकार का है.


जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ साल पहले ये घाट संबंधित ग्राम समाज की सम्पत्ति रही होगी, लेकिन वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र में स्वामित्व होने की वजह से इसका प्रबन्धन नगर निगम के पास है. इससे ये साफ हो जाता है कि वर्तमान में इन घाटों का स्वामित्व राज्य सरकार का है. साथ ही इसका प्रबन्धन नगर निगम के पास है. इस संबंध में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अपने पत्रानुसार नगर आयुक्त को बताया है कि कभी-कभी यह देखने में आता है कि कुछ लोग इन घाटों पर आरती को लेकर विवाद करते हैं. कुछ लोग नई आरती प्रारम्भ करते हैं. वहीं कुछ लोग उनका विरोध शुरू करते हैं.


इस बारे में नगर निगम को बिल्कुल स्पष्ट व्यवस्था करनी चाहिए कि जितनी भी आरतियां घाटों पर होती हैं उनका रजिस्ट्रेशन नगर निगम की ओर से किया जाये. साथ ही उन्हें स्थान का आबंटन भी नगर निगम की ओर से एक-एक साल के लिए किया जाना चाहिए. इसके अलावा इसका नवीनीकरण प्रत्येक साल किया जाना चाहिए. इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि किसी भी घाट पर किसी भी निजी व्यक्ति अथवा संस्था की ओर से भविष्य में कोई भी आरती बिना नगर निगम की अनुमति के ना की जाए.


31 मार्च तक यह कार्य पूर्ण किया जाये


आगे उन्होंने कहा कि यह भी चेक किया जाये कि एक ही संस्था या व्यक्तियों का समूह एक से अधिक घाटों पर आरती न करें. वर्तमान में जितनी आरतियां गंगा नदी के घाटों पर 17 फरवरी की शाम तक हुईं थी, उनका रिकॉर्ड बनवाया जाए. वहीं आगामी एक माह में उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाए. रजिस्ट्रेशन के लिए एक प्रपत्र भी नगर निगम की तरफ से डिजाईन करके जारी किया जाए. 31 मार्च तक यह कार्य पूर्ण किया जाये.


वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि सभी नगर निगम अन्तर्गत घाटों के लिए एक नोडल अधिकारी भी नामित करें. प्रत्येक वित्तीय वर्ष जो भी संस्था/व्यक्ति घाटों पर आरती किये जाने हेतु आवेदन करें. रजिस्ट्रेशन करते समय घाट पर आरती के लिए प्रयोग किया जाने वाला स्थान, आरती किये जाने वाले व्यक्तियों की संख्या के बारे में भी रजिस्ट्रेशन फॉर्म में जिक्र किया जाये. जिससे कोई भी व्यक्ति/संस्था आरती करने के नाम पर घाटों पर अतिक्रमण ना करें. जिलाधिकारी ने घाट किनारे की आरती का रजिस्ट्रेशन कराए जाने का आदेश दिया है.


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