वाराणसी, नितिश कुमार पांडेय। कोरोना संकट से बचने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन जारी है। सभी अपने घरों में रहकर लॉकडाउन का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन वाराणसी के अस्सी घाट के किनारे  रहने वाले चित्रकार विजय अपनी चित्रकारी में व्यस्त हैं। विजय ने ऐसा चित्र बनाया है, जो न सिर्फ कोरोना के संकट को दर्शा रहा है, बल्कि उसे फैलाने वाले देश और कारण के साथ उसके निजात का हल भी अपनी चित्रकारी से दर्शाया है।



कोरोना काल के चित्र में क्या है खास बात


वाराणसी के चित्रकार की चित्रकारी में चीन के जिस शहर से कोरोना फैला है, उसे दिखाने के साथ ही उससे प्रभावित अमेरिका को दिखाया गया है। इसके बाद भारत में ये कैसे फैल रहा है, इसे दिखाया गया है। इतना ही नहीं, कोरोना योद्धाओं को ताले में दिखाया गया है, ताकि लॉकडाउन में हिम्मत रूपी चाबी से ये कोरोना को दूर भगाएंगे और भारत माता को कोरोना पर विजय श्री दिलाते दिखाया गया है। सबसे ऊपर प्रथम पूज्य गणेश जी का राष्ट्रीय ध्वज लिए कोरोना पर भारत विजय के प्रतीक के तौर पर हैं, इसे दिखाया गया है।



लॉक डाउन में शौक बनी चित्रकला


कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में हर कोई अपने समय को बिताने का साधन खोज रहा है। वाराणसी के इस चित्रकार ने पेंटिंग को समय व्यतीत करने का माध्यम बनाया लिया है और ये संकल्प लिया है कि दो दिनों में एक पेंटिंग को पूरा करेंगे और इसका संदेश लोगों तक पहुंचाएंगे।



विजय पहले भी अपनी पेंटिंग के दम पर हासिल कर चुके हैं मुकाम


वाराणसी के विजय कुमार पेशे से चित्रकार हैं, जिनका पहले भगवान गणेश का 56 घण्टे लगातार चित्र बनाने का लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो चुका है। आंख पर पट्टी बांधकर चित्रकारी करना इनकी खासियत है, अब चूंकि लॉकडाउन है और ये उसका पूरा पालन कर रहे हैं। लिहाजा चित्रकारी के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे हैं और इसके साथ ही अपने पूरे परिवार को इस हुनर का हुनरमंद बनाने का प्रयास भी कर रहे हैं।



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