पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने किए स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के दर्शन, जमीन पर बैठकर लिया आशीर्वाद
Bageshwer Dham: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वाराणसी के ढोरा गांव अपने शिष्य प्रशांत शुक्ला के आवास पर 26 सितंबर की सुबह पहुंचे. इस उन्हें देखकर श्रद्धालु उन्हें काफी उत्साहित हुए.
Bageshwer Dham: प्रसिद्ध कथा वाचक और बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 26 सितंबर की सुबह अचानक काशी पहुंचे. जहां उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता देखी गई. बताया जा रहा है कि वो वाराणसी के फूलपुर क्षेत्र के रहने वाले अपने शिष्य प्रशांत शुक्ला के आवास पर सुबह तकरीबन 4:00 बजे पहुंचे. जैसे ही उनका काफिला आवास पर पहुंचा लोगों ने उका जोरदार स्वागत किया.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वाराणसी के ढोरा गांव अपने शिष्य प्रशांत शुक्ला के आवास पर 26 सितंबर की सुबह पहुंचे. इस उन्हें देखकर श्रद्धालु उन्हें काफी उत्साहित हुए. भक्तों में उनकी एक झलक पाने की होड़ सी मच गई और उन्होंने बागेश्वर धाम की जय जैसे जयघोष के साथ उनका स्वागत किया गया. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के काशी पहुंचने की जैसे ही सूचना लोगों को मिली लोग एक दूसरे से संपर्क करके फूलपुर पहुंचना शुरू कर दिए.
भक्तों में दिखा जबरदस्त उत्साह
लोगों में उन्हें लेकर ज़बरदस्त उत्साह देखने को मिला. उनका कहना था कि बस किसी तरीके से उनका दर्शन प्राप्त हो जाए जो उनका जीवन धन्य हो जाएगा. कुछ देर विश्राम करने के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फूलपुर क्षेत्र से मिर्जापुर स्थित स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज के आश्रम की ओर प्रस्थान कर गए.
स्वामी अड़गड़ानंद महाराज से मिलने पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वाराणसी से मिर्जापुर स्थित स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के आश्रम में पहुंचे. जहां उनके साथ भारी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे. इस दौरान आश्रम में बड़े ही श्रद्धा भाव से उन्होंने स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का दर्शन किया. इस दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के व्यास पीठ से नीचे आसन पर बैठकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
इसके बाद वो मिर्जापुर से वाराणसी के अस्सी क्षेत्र की तरफ रवाना हुए. इस दौरान काशी के लोग एक दूसरे से संपर्क करते रहे कि बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी कहा कि वो जल्द फिर से आएंगे. वहीं लोग अब उनकी अगली कथा के लिए इंतज़ार में हैं.