Varanasi News: धर्मनगरी काशी आज के दौर में पर्यटन का बहुत बड़ा केंद्र बन चुका है. रिकॉर्ड संख्या में घरेलू और विदेशी पर्यटकों को काशी पहुंचना जारी है. सात समंदर पार से भी काशी पहुंचने वाले पर्यटक भी इस शहर को देखकर निहाल होते हैं . मिली जानकारी के अनुसार बीते 8 सालों में काशी में घरेलू और विदेशी पर्यटकों के आने में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है. गंगा घाटों पर नौका विहार, गंगा आरती, काशी का वेद शास्त्र अध्ययन और यहां का पहनावा खानपान उन्हें खूब पसंद आता है.
उत्तर प्रदेश टूरिस्ट गाइड अनूप कुमार की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी में देश के साथ-साथ विदेश से भी आने वाले पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. प्रमुख तौर पर यहां अगस्त, सितंबर, अक्टूबर माह में स्पेनिश इटालियन पर्यटकों की संख्या अधिक रहती है. इसके अलावा अक्टूबर से लेकर नवंबर सहित मार्च महीने में स्पेनिश, इटालियन, फ्रांस ऑस्ट्रेलियन और अमेरिका पर्यटक बनारस आना काफी पसंद करते हैं. इस दौरान विशेष तौर पर यूरोपियन देशों में छुट्टी का अवसर होता है, इसलिए भी यूरोपियन देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक रहती है.
पर्यटकों की पहली पसंद बना वाराणसी
10 वर्ष के पहले की तुलना में अब वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या में जमीन आसमान का अंतर है. बनारस के गंगा घाट पर नौका विहार , यहां की संस्कृति विदेशी पर्यटकों को भी खूब पसंद आती है. अधिकांश पर्यटक यहां पर 2-3 दिन रहते हैं, जो वाराणसी एयरपोर्ट के माध्यम से काशी के प्रसिद्ध जगह पर जाना पसंद करते हैं. काशी आने वाले अधिकांश पर्यटक शहरी क्षेत्र के साथ-साथ कैंटोनमेंट स्थित होटल में ठहरने के लिए बुकिंग करते हैं.
इंफ्रास्ट्रक्चर में और सुधार से मिलेगी नई ऊंचाई
टूरिस्ट गाइड का कहना है कि वाराणसी में 10 वर्षों में एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर कों विकसित किया गया है, लेकिन शहरी क्षेत्र में अगर निर्धारित रूट आवागमन को और सरल बनाने के साथ साथ अनेक पर्यटन उद्योग से जुड़े परियोजनाओं को धरातल पर सही रूप से उतार दिया जाए, तो काशी का पर्यटन क्षेत्र इससे भी ऊंची छलांग लगा सकता है. छोटे से शहर काशी में ऐसे अनेक पर्यटन स्थल हैं जो देश और विदेश से आने वाले पर्यटक को बेहद आकर्षित करते हैं. यहां का नौका विहार, गंगा घाट सैर, खाना, पहनावा और अन्य विरासत को पर्यटक अपने कभी ना भूलने वाले स्मृतियों में शामिल करते हैं.
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