Varanasi News Today: इजराइल का लेबनान- फिलीस्तीन के बीच चल रहे जंग को लेकर दुनिया भविष्य के परिणाम को सोचकर चिंतित है. ऐसे में इजरायल के साथ अन्य देशों से व्यापारिक, राजनीतिक और अन्य रिश्तों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. 


BHU से पीएचडी की पढ़ाई पूरी करके बतौर वैज्ञानिक इजराइल में कार्य कर रहे प्रज्वल प्रताप सिंह वाराणसी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपने प्रोफेसर डॉ ज्ञानेश्वर चौबे से मुलाकात की. इजराइल के वर्तमान हालात पर भी चर्चा हुई की ऐसे विपरीत माहौल में भी वहां के लोग अपने आप को कैसे मानसिक और शारीरिक रूप से दैनिक कामकाज के लिए तैयार रखते हैं. 


'इजराइल में टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग' 
हालांकि ऐसी स्थितियों में युद्ध के बीच निर्भीकता से कार्य करते रहना किसी के लिए भी आसान नहीं है . एबीपी न्यू्ज से बातचीत मे डॉ ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया की प्रज्जवल प्रताप सिंह जौनपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी पीएचडी काशी हिंदू विश्वविद्यालय से किया है. 


इसके बाद वह इसराइल के तेल अवीव यूनिवर्सिटी में असिएंट DNA पर कार्य कर रहे हैं. इन दिनों वह वर्क फ्रॉम होम के उद्देश्य से अपने देश भारत लौटे हैं. प्रोफेसर से बातचीत में उन्होंने बताया कि टेक्नोलॉजी में इजराइल को महारत हासिल है और यही वजह है चुनौती पूर्ण हालत में भी वह अपने आप को सामान्य रखने में कामयाब रहे हैं. 


इजराइल के लेकर चौंकाने वाला खुलासा
प्रज्वल प्रताप सिंह ने बताया कि किसी भी बमबारी या हमले के पहले वहां के सायरन के माध्यम से कुछ मिनट पहले लोगों को सतर्क कर दिया जाता है. इसके अलावा मोबाइल ऐप और डिवाइस के माध्यम से लोगों को सीधे हमले की सूचना प्राप्त हो जाती है और लोग सतर्क हो जाते हैं. मानसिक- शारीरिक रूप से स्थानीय लोग अपने आप सशक्त बना चुके हैं . 


प्रज्वल प्रताप सिंह के मुताबिक, हालांकि युद्ध जैसे हालात से घबराने वाले लोगों के लिए ऐसी स्थितियां किसी भयावह सपने से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में ऐसी स्थितियां कभी नहीं देखी गई, इसलिए ऐसे माहौल में कार्य करना एक भारतीय के लिए थोड़ा अलग जरूर है लेकिन इजराइल में अलग-अलग पदों पर कार्य कर रहे दूसरे देश के लोग भी अपनी दिनचर्या को ऐसे माहौल में ढाल चुके हैं.


प्रोफेसरों ने बढ़ाया हौसला
इजराइल से भारत आए प्रज्वल प्रताप सिंह अपने प्रोफेसर डॉक्टर ज्ञानेश्वर चौबे से मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान प्रज्वल को देखकर डॉ ज्ञानेश्वर और अन्य प्राध्यपकों ने खुशी का इजहार करते हुए उनके सफल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. 


उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि जीवन में विपरीत परिस्थितियों में भी निर्भीकता से अपने दायित्व का निर्वहन करने वाले लोग समाज के लिए नजीर पेश करते हैं और उनका व्यक्तित्व हमेशा ही लोगों के लिए अनुकरणीय होता है. इस दौरान घंटों तक एक दूसरे से बातचीत भी हुई.


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