Varanasi News: 15 सितंबर को कांग्रेस नेत्री रोशनी कुशल जायसवाल और बीजेपी समर्थक सैफरन राजेश सिंह के बीच हुए मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वाराणसी के लालपुर थाने पर दोनों तरफ से मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. फिलहाल रोशनी कुशल जायसवाल के घर पर कुर्की करने का नोटिस भी न्यायालय के आदेश पर लगा दिया गया है. अब यह मामला राजनीतिक रूप लेता नजर आ रहा है. आज इस मामले को लेकर अलका लांबा और हरियाणा की विधायक वीनेश फोगाट ने रोशनी कुशल जायसवाल के साथ अन्याय होने और राजेश सिंह को सत्ता का लाभ मिलने का आरोप लगाया है.


इस मामले पर एबीपी न्यूज़ ने सैफरान राजेश सिंह से बातचीत की. उनका कहना है कि, रोशनी कुशल जायसवाल द्वारा देश के बड़े संवैधानिक पद पर बैठे हुए लोगों और सनातन धर्म के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग सोशल मीडिया पर किया जाता था. हमने कभी भी रोशनी कुशल जायसवाल के व्यक्तिगत अकाउंट पर कुछ नहीं लिखा. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ही हमारे द्वारा राजनीतिक और सामाजिक पोस्ट किए जाते थे. लेकिन उन्होंने सोची समझी साजिश के तहत दर्जनों की संख्या में लोगों के साथ मिलकर हमारे घर पर हमला बोला और अब ऐसी बातें कह कर ध्यान भटकाना चाहती हैं. अगर वह सच है तो आखिर में 40 दिनों से फरार क्यों है. उन्होंने जिस प्रकार से हमारे घर पर हमला किया, हमें और हमारे परिवार को उनसे खतरा है. हम सुरक्षा की मांग करते हैं.


कांग्रेस की मदद से रोशनी खेल रही विक्टिम कार्ड
इसके अलावा राजेश सिंह के अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि, उनके द्वारा सत्ता का संरक्षण प्राप्त करने का आरोप बिल्कुल निराधार है. न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत ही रोशनी कुशल जायसवाल के घर को कुर्की करने का आदेश प्राप्त हुआ है. राजेश सिंह के घर पर जिस प्रकार से दर्जनों की संख्या में लोगों द्वारा पहुंचकर हमला बोला गया, लूटपाट की गई उस अपराध से बचने के लिए रोशनी कुशल जायसवाल मानवीय संवेदना का सहारा ले रही हैं. दरअसल हकीकत यह है कि कांग्रेस पार्टी की मदद से रोशनी कुशल जायसवाल विक्टिम कार्ड खेल रहीं हैं.


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