वाराणसी की इन लजीज मिठाइयों की दुनिया है दीवानी, 4 गुना महंगा होने के बाद भी स्वाद चखना नहीं भूले लोग
Varanasi News: बनारस जितनी मिठाइयां कहीं और नहीं बनती. वैसे यह भी कहा जाता है कि इन मिठाइयों की शुद्धता और स्वाद में जो बात रहती है उसका कोई तोड़ नहीं है.
UP News: सीमित खर्चे में वाराणसी जैसा खानपान आपको पूरी दुनिया में नहीं मिलेगा और अगर आपने एक बार बनारस में किसी भी मिठाई का स्वाद चख लिया तो उसे पूरी जिंदगी नहीं भूलेंगे. जी हां यह सच है, वैसे अब तो देश विदेश में बनारस के स्वादिष्ट खान पान की चर्चा पहले से भी अधिक होती है क्योंकि इस शहर में करोड़ों की संख्या में पर्यटकों का आवागमन हो रहा है. बात जब बनारस में बनने वाले मिठाइयों की हों तो ऐसा स्वाद आपको ढूंढने से नहीं मिलेगा. दरअसल बनारस में सबसे ज्यादा किस्म की मिठाइयां बनती है और मिठाइयों को शुद्ध खोवा, छेना और दूध के अन्य उत्पाद की मदद से तैयार किया जाता है.
बनारस की चौक गली पक्का महाल मिठाइयों के लिए मशहूर है. यहां के रहने वाले दीपक पांडे से जब एबीपी लाइव ने बनारस की मिठाइयों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि- पुराने समय से ही लोग यहां पर मिठाई खाने के बहुत शौकीन हुआ करते थे. इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है की बनारस जितनी मिठाइयां कहीं और नहीं बनती. वैसे यह भी कहा जाता है कि इन मिठाइयों की शुद्धता और स्वाद में जो बात रहती है उसका कोई तोड़ नहीं है. बनारस में गुलाब जामुन, लौंगलता, रसगुल्ला, खोवा बर्फी, काजू बर्फी, गरी की बर्फी, कच्ची बर्फी, रसमलाई, खीर मोहन, लाल पेडा, मलाई गीलौरी, जलेबी, गोझिया, मुगदल, मोतीचूर का लड्डू, बुनिया, इमरती, सोमपपड़ी, गोंद के लड्डू और भी अन्य मिठाई बेहद स्वादिष्ट बनाया जाता है.
खासतौर पर शुद्ध खोवा, छेना और दूध उत्पाद से इन मिष्ठानों को तैयार किया जाता है जिनका स्वाद लोगों को कभी नहीं भूलता. शहरी क्षेत्र में मिठाइयों की अलग-अलग दुकान है लेकिन कुछ विशेष भी हैं जहां का स्वाद आज भी बेहद खास माना जाता है. शहर के लोग ही नहीं बल्कि देश-विदेश से बनारस आने वाले पर्यटक भी डब्बों में पैक कराके इन मिठाइयों को ले जाते हैं. मिठाइयों का स्वाद लेते हुए लोग कहते हैं कि दूसरे शहरों में भी मिठाइयों की खूब दुकान है लेकिन बनारसी मिठाई जैसा स्वाद कहीं और नहीं.
चार गुना बढ़ गए दाम फिर भी लोग नहीं भूले स्वाद
सभी वस्तुओं के दाम बढ़ने के साथ-साथ बनारस में मिठाइयों के दाम भी काफी बढ़ गए हैं. स्थानीय लोगों का मानना है की - कुछ वर्ष पहले जो रसगुल्ला, गुलाब जामुन 7 से 8 रुपया का हुआ करता था उनके दाम आज 20-22 रुपये हैं. खोवा बर्फी 400 से 500 प्रति किलो है, वहीं काजू की बर्फी के दाम 700 रुपये से ऊपर हैं. मिठाई के दाम पहले की तुलना में चार गुना बढ़ गए हैं लेकिन आज भी लोग इसका स्वाद चखना नहीं भूलते. बनारस के रहने वाले वर्तमान समय में भी सुबह के नाश्ते में या पूरे दिन में बनारसी मिठाइयों को जरूर शामिल करते हैं. बहुत से लोगों की मिठाइयों में भी अपनी एक पसंद होती है, जिसे लगभग रोजाना वह खाना पसंद करते हैं.
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