वाराणसी, एबीपी गंगा। लॉक डाउन का दूसरा चरण जारी है। इस दौरान भूख से जंग भी जारी है। ऐसे में वाराणसी के एक चिकित्सक ने अपने अस्पताल को मदद घर बना दिया है। इस मदद घर में रोजाना चार सौ लोगों का भोजन बनता है और प्रशासन की मदद से ये भोजन जरुरतमंदो के बीच में जाता है।
यू तो डॉक्टरों को पहले भी मरीजों के लिए भगवान कहा जाता है लेकिन कोरोनाकाल के दौरान ऐसे मददगार लोगों ने ये सिद्ध कर दिया है कि वो धरती पर भगवान के दूत हैं, जो सबकी मदद कर रहे हैं। वाराणसी के दंत चिकित्सक वैभव सिंह ने कोरोना काल में भूखे लोगों की मदद का जिम्मा उठाया। उन्होंने अपने पूरे अस्पताल को मदद घर का नाम दे दिया है। इस अस्पताल में कभी दांत के रोगियों का ईलाज किया जाता था, जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो डॉक्टर ने लोगों की मदद की ठानी। जिसके बाद उन्होंने स्थानीय नागरिकों के सहयोग से मुहिम छेड़ी। फिलहाल, रोजाना चार सौ लोगों का भोजन इस मदद घर से जा रहा है।
ग्रामीण मित्रों के साथ बना मदद का कारवां
बता दें कि फुलवारियां गांव की आबादी लगभग सत्तर हजार है और यहां निचले तबके के लोग भी रहते हैं। ऐसे में खाने पीने का संकट भी गहरा रहा था। तब इस अस्पताल के डॉक्टर ने मदद की ठानी और गांव के लोगों को ही जोड़कर कारवां बना डाला। इसमें सभी ने अपना सहयोग दिया। गांव के हलवाई ने खाने को बनाने का जिम्मा संभाला तो पूर्व प्रधान और अन्य ग्रामीणजनों ने आर्थिक सहयोग से अन्न की खरीददारी संभाली। ये मदद का सिलसिला जारी है। रोजाना प्रशासन के सहयोग से यहां से पैकेट दिए जाते हैं और इसके बाद जो इस मदद घर पर आए उसे अनाज दिया जाता है। प्रशासन के अलावा आम जनता की मदद भी जारी है और ऐसे में इन मददगारों का हौसला काबिल ए तारीफ है।