Varanasi News: हमारा देश तेजी से तरक्की कर रहा है. वक्त के साथ-साथ कई चीज़ों में बदलाव आए हैं, लोगों की सोच बदल रही है. बावजूद इसके आज भी हमारे समाज में बेटे और बेटियों के बीच फर्क मौजूद है. कई घरों में लोग बेटे के पैदा होने पर जश्न मनाते हैं तो बेटी उन्हें बोझ की तरह लगती है. कई बार इस तरह की घटनाएं भी सामने आती है जब बेटे की चाह में गर्भ में ही बेटी का मार दिया जाता है. इन तमाम बातों के बावजूद कई लोग ऐसे में भी है जो बेटे और बेटियों को एक समान मानते हैं और खुशियां मनाते हैं. लेकिन वाराणसी (Varanasi) में एक ऐसी डॉक्टर हैं जो बेटी पैदा होने पर जश्न मनाती हैं, मिठाईयां बांटती है. यही नहीं बेटी के जन्म पर फीस भी नहीं लेती. 


वाराणसी में महिला डॉक्टर शिप्रा धर अपने नर्सिंग होम में पैदा होने वाली बेटी के जन्म पर कोई फीस नहीं लेती हैं, बल्कि उसके जन्म का जश्न मनाती है. जब भी इनके नर्सिंग होम में किसी बेटी का जन्म होता है तो उनकी तरफ से नर्सिंग होम में मिठाई बांटी जाती है. बच्ची के पैदा होने की खुशी बांटने का उनका ये अपना तरीका है. उनके नर्सिंग होम में जिस भी कपल के घर बेटी का जन्म होता है वो उससे एक भी रुपया फीस का चार्ज नहीं करती हैं. उनके इस नेक काम की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. पीएम मोदी जब वाराणसी गए थे तो उन्होंने डॉ शिप्रा धर से मुलाकात भी की थी.  


डॉ शिप्रा धर ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से एबीबीएस और एमडी की पढ़ाई की है. उनके पति एम के श्रीवास्तव भी पेशे से डॉक्टर हैं और पत्नी के इस नेक काम में पूरा सहयोग करते हैं. डॉ शिप्रा धर वाराणसी के पहाड़ियां क्षेत्र में नर्सिंग होम चलाती है. कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और लड़कियों को बढ़ावा देने के लिए ही उन्होंने ये मुहिम चलाई है. उनका कहना है कि बेटियों को लेकर आज भी हमारे समाज में नकारात्मक सोच हैं, कई लोग तो बेटी के पैदा होने की खबर सुनकर रोने लगते हैं. मैं चाहती हूं लोगों की ये सोच बदले. 


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