वाराणसी: शुरू हुई ड्रेजिंग, अब रेत के टीलों से मुक्त होगी गंगा, चलेंगे मालवाहक जहाज
गंगा को काशी में नया देने के लिए नदी के उस पर पांच किलोमीटर और 40 मीटर की रेत की ड्रेजिंग शुरू हो गई है. जल्द ही नए भव्यतम रूप में गंगा न सिर्फ लोगों को दर्शन देगी बल्कि आकर्षण का केंद्र भी बनेगी.
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा को अब नया स्वरूप मिलने वाला है. गंगा के दूसरे छोर पर रेत की ड्रेजिंग शुरू हो गई है. ड्रेजिंग की वजह से आने वाले दिनों में गंगा का स्वरूप विस्तार लेगा और घाट पर मंडरा रहा खतरा भी कम होगा.
गंगा में चलेंगे मालवाहक जहाज वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि गंगा को काशी में नया देने के लिए नदी के उस पर पांच किलोमीटर और 40 मीटर की रेत की ड्रेजिंग शुरू हो गई है. अब गंगा घाटों की ओर चढ़ने के बजाय दूसरे छोर पर विस्तार लेने वाली है. इस विस्तार के कारण गंगा का स्वरूप वृहद होगा, साथ में बड़े मालवाहक जहाज भी अब सुगमता से चल सकेंगे.
घाटों के अस्तित्व पर था खतरा बता दें कि, काशी में गंगा के उस पार कछुआ सेंचुरी के कारण रेत के टीले बन गए थे, जिससे गंगा के पानी का दबाव घाटों की ओर था. वैज्ञानिकों की मानें तो इस दबाव से प्राचीन घाटों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा था. इतना ही नहीं काशी के कई घाट तो दरकने भी लगे थे. गंगा वैज्ञानिक बीड़ी त्रिपाठी ने इसे लेकर प्रधानमंत्री से गुहार भी लगाई थी. अब जब उस पार ड्रेजिंग शुरू हुई है तब इनके चेहरे पर भी खुशी साफ तौर पर दिखाई दे रही है.
भव्य स्वरूप में नजर आएगी गंगा प्रधानमंत्री के संदेश और सरकार के प्रयास से गंगा के स्वरूप को विस्तार दिया जा रहा है. जल्द ही नए भव्यतम रूप में गंगा न सिर्फ लोगों को दर्शन देगी बल्कि आकर्षण का केंद्र भी बनेगी.