वाराणसी: वाराणसी का मिट्ठू अब आजाद होगा. जल्द ही हाथी मिट्ठू को दुधवा नेशनल पार्क भेजा जाएगा. इसकी तैयारी पूरी हो गयी है लेकिन वाराणसी के पशुप्रेमी हाथी को सीधे जंगल मे भेजने का विरोध जता रहे हैं.


हाथी पर हत्या का आरोप


वाराणसी के रामनगर वन विभाग में बेड़ियों से जकड़े मिट्ठू हाथी को अब आजादी मिलने वाली है. इस हाथी पर हत्या का आरोप है. घटना 26 अक्टूबर 2019 की थी. इस हाथी ने एक व्यक्ति रमाशंकर सेठ को मार डाला. वन विभाग ने हाथी को अपनी कस्टडी में ले लिया, इसके साथ ही महावत और मालिक पर वाइल्ड लाइफ एक्ट की धारा 39, 40 और 51 के तहत मामला चला. मामला पहले सीजेएम कोर्ट में चला उसके बाद जिला जज चंदौली के यहां चला. अब ये मामला हाईकोर्ट में चल रहा है. इसी बीच वन विभाग मिट्ठू को दुधवा नेशनल पार्क भेजने की तैयारी कर चुका है.


हाथी की देखभाल करने वाला दु:खी


मिट्ठू बेड़ियों में जकड़ा हुआ है और इसकी देखभाल करने वाला इसे पार्क में भेजे जाने के फैसले से दुखी है. अधिकारी बेड़ियों में जकड़ने की वजह हाथी का मतवालापन बता रहे हैं. वहीं, कानून के जानकारों की माने तो अगर जन हानि की संभावना हो तो बेड़ियां बांधना गलत नहीं. लेकिन पशुओं के लिए काम करने वाली संस्था के लोग बेड़ियों को गलत मान रहे हैं. इसके साथ ही मिट्ठू को सीधे जंगल के जीवन में न भेजकर पहले पुनर्वास केंद्र ले जाने की बात कह रहे हैं.


रिहाई की तारीख तय


मिट्ठू दो साल से इस जगह पर यूं ही रखा गया है. हत्यारे गजराज की रिहाई की दो तारीख 15 जून और 18 जून तय की गई है और अब इसे रिहाई मिलेगी लेकिन पशुओं के चिंतक इस रिहाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इनके मुताबिक, पार्क से सटे गांव के लोगों को टच करेगा और ये शायद ठीक न हो ऐसे में अब देखना ये होगा कि क्या मिट्ठू अभी भी रिहा हो जाता है या अटकलें उसे कहीं और ले जाती हैं.


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