Varanasi Dev Deepawali 2024: मान्यता है कि त्रिपुरासुर के अत्याचार से जब देवताओं को मुक्ति मिली थी तो उन्होंने भगवान शिव की नगरी काशी में आकर दीपोत्सव मनाया था और तब से काशी में देव दीपावली मनाई जाती है. इस बार काशी की देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी. दशास्वमेध घाट के विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के आयोजक सुशांत मिश्रा ने बातचीत में महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
सुशांत मिश्रा ने कहा कि, इस भव्य दीपोत्सव को देखने के लिए दूर दराज़ से लोग आते हैं और इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. घाटों पर दिए जलाए जाएंगे. इस बार देव दीपावली कारगिल विजय दिवस को पूर्ण हो रहे 25 वर्ष के अवसर पर शौर्य की रजत जयंती के तौर पर मनाया जाएगा. इसके अलावा सुरक्षा दृष्टिकोण से भी निर्धारित घाट पर सीसीटीवी कैमरा की संख्या बढाकर 20 कर दी गई है, और इस दिन अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.
सुशांत मिश्रा ने देव दीपावली आयोजन को लेकर बताया कि 15 नवंबर के दिन 21 ब्राह्मणों द्वारा मां भगवती का वैदिक ऋतिक रिवाज से पूजन किया जाएगा. इसके बाद श्री राम जन्म योगी द्वारा शंखनाद, दुर्गा चरण और 42 कन्याओं जो रिद्धि सिद्धि के रूप में ब्राह्मणों के साथ होंगी अथवा विश्वनाथ जी के डमरू दल के 10 स्वयं सेवकों द्वारा मां भगवती की भव्य महाआरती आरंभ होगी. 15 नवंबर देव दीपावली आयोजन को इस वर्ष कारगिल विजय दिवस को पुरे हो रहे 25 वर्ष के अवसर पर शौर्य की रजत जयंती के तौर पर भी मनाया जाएगा. इस दौरान वाराणसी के सभी 84 घाट को दियों से सजाया जाएगा.
होटल और नाव की बंपर बुकिंग
देव दीपावली के अवसर पर महीनों पहले से ही काशी के होटल और नाव की बंपर बुकिंग चल रही है. आसपास के जनपद के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग काशी के घाटों पर पहुंचते हैं और नाव पर बैठकर लोग काशी की देव दीपावली को देखते हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक देव दीपावली के अवसर पर काशी पहुंचते हैं. इस बार भी अनुमान लगाया जा रहा है कि देव दीपावली के अवसर पर काशी में पर्यटकों की संख्या 8 लाख से अधिक हो सकती है.
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