Varanasi News Today: बनारस में बनने वाली मिठाइयों को देश और विदेश में काफी पसंद किया जाता है. आज के दौर में भले ही बनारस से शुरू होकर यह मिठाइयां देश के अलग-अलग शहरों में भी बनाई जाती हों, लेकिन लोगों का मानना है कि यहां बनने वाली मिठाई की बात ही कुछ और होती है.
इन्हीं सब में एक नाम आता है बनारस के पक्का महाल क्षेत्र की पलंगतोड़ मिठाई का. यकीन मानिए इसके स्वाद को चखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग शाम के वक्त शहर के पक्का महाल क्षेत्र पहुंच जाते हैं. इसे तकरीबन 12 घंटे की मेहनत के बाद 5 किलो की मात्रा में ही तैयार किया जाता है और मात्र घंटे भर में ही मिठाई के शौकीन इसे खाकर सफाचट कर देते हैं.
पक्का महल की ये मिठाई है खास
वाराणसी का पक्का महाल क्षेत्र मिठाइयों के लिए काफी मशहूर है. यहां दर्जनों ऐसी मिठाइयां तैयार की जाती हैं जिसकी शुरुआत भी इसी क्षेत्र से हुई है. सन 1964 से यहां के भैरव सरदार द्वारा सबसे पहले पलंगतोड़ मिठाई के बनाने की शुरुआत की गई. इसे मलाई पाक के नाम से भी जाना जाता है लेकिन बनारसी भाषा में लोग इसे पलंगतोड़ कहते हैं.
इस मिठाई को तकरीबन 12 घंटे की मेहनत से दूध, मलाई, केसर, इलायची, ड्राई फ्रूट्स, जायफल, जावित्री की मदद से तैयार किया जाता है. अपने निर्धारित समय अनुसार शाम 5 बजे इसकी दुकान लग जाती है और मात्र घंटे भर में ही दो बड़े परात बर्तन में रखा हुआ पलंग तोड़ मिठाई खत्म हो जाता है.
सबसे खास बात ये है कि पूरे साल में तीन-चार महीने के दौरान ठंड के दिनों में ही इस मिठाई को बनाया जाता है. इस मिठाई की कीमत 1200 रुपये प्रति किलो है. इसको खाने के लिए न सिर्फ बनारस के लोग समय से दुकान पर पहुंच जाते हैं बल्कि देश के दूसरे शहरों से भी मिठाई के बारे में पूछते हुए दुकान तक लोगों को पहुंचते हुए देखा जाता है .
रोजाना 5 किलो बनती है पलंगतोड़
पलंगतोड़ मिठाई खाने के लिए पहुंचे शशांक कुमार ने बताया कि ये बहुत स्वादिष्ट होती है. भैरव सरदार की दुकान पर सिर्फ 5 किलो रोजाना इसे तैयार किया जाता है और घंटे भर में 1200 किलो के हिसाब से इसकी बिक्री हो जाती है.
आसपास के रिटायर्ड प्रोफेसर, विभागीय कर्मचारी अधिकारी और व्यापारी शाम होते ही दुकान पर पहुंच जाते हैं. केसर, दूध, मलाई और ड्राई फ्रूट्स होने की वजह से शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. हालांकि दिलचस्प बात यह है कि कम पाचन शक्ति वाले लोग इस मिठाई को खाने से परहेज करते हैं.
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