UP News: वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसको देखते हुए जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम पूरी तरह मुस्तैद है. इसके अलावा तटवर्ती क्षेत्र के लिए विशेष हिदायत भी दी गई है. प्रशासन के अनुसार अब छोटी नावों पर अगले आदेश तक के लिए पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही बड़ी नाव में निर्धारित संख्या में ही बैठकर लोगों को लाइव जैकेट के साथ नौका विहार करने का आदेश दिया गया है. 


वर्तमान समय तक कुछ घाटों का संपर्क भी टूट चुका है. इसके अलावा अभी तक चार से पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. साथ ही तटवर्ती क्षेत्र के लोगों को विशेष सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है. एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान नाविक अनिल साहनी ने कहा कि हमें पूरी तरह सतर्क रहकर ही नौका विहार कराने का आदेश दिया गया है. बीते दिनों से तेजी से बढ़ रहें गंगा के जलस्तर की वजह से हमारे व्यवसाय पर भी असर पड़ा है.


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किसी को गंगा पार जाने की अनुमति नहीं
नाविक ने बताया कि छोटी नाव बंद होने की वजह से हमें नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसके अलावा गंगा उस पार अब किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है. गंगा के बढ़ते जलस्तर के बाद अब आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी कमी देखी जा रही है. विशेष तौर पर हमारा पूरा कामकाज नौका विहार पर ही निर्भर है, ऐसे में अगर यह स्थिति रही तो हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. प्रशासन के हिदायत पर हम पूरी सतर्कता के साथ लोगों को लाइव जैकेट के साथ बड़ी नाव में ही नौका विहार करा रहे हैं.
 
दशास्वमेध घाट पर बैठे पंडा चंद्रकांत तिवारी के अनुसार अब पहले से गंगा घाट आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखने को मिली है. एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि बीते दो-तीन दिनों से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. कुछ ही दिनों में हमारी छतरी तक भी पानी पहुंचने की आशंका है. ऐसे में हमें यहां से दूसरे जगह पर जाना होगा और वर्तमान समय में श्रद्धालुओं के कम आने की वजह से हमारे पूजन कार्य पर भी असर पड़ा है. ऐसा हर वर्ष होता है, जब गंगा का जलस्तर बढ़ता है तो श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी जाती है जिसकी वजह से हमारा कार्य प्रभावित होता है.


उन्होंने बताया कि हम यही उम्मीद करेंगे कि इस बार स्थिति जल्द सामान्य हो.  रिपोर्ट प्राप्त होने तक तकरीबन तीन से चार घाटों का संपर्क टूट चुका है और जल पुलिस द्वारा लगातार घाटों की निगरानी रखी जा रही है. ऐसे में अगर इसी तरह लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो निश्चित ही तटवर्ती क्षेत्र के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.