वाराणसी: गंगा में रोजाना स्नान करने वालों को नहीं हुआ कोरोना, शोध में जुटे बीएचयू के चिकित्सक
गंगा में पहले ही बैकरियोफेज अपने आप में औषधीय गुणों को मेंटेन करता है लेकिन अब वायरोफेज भी पाए जाने की बात सामने आई है. जानकारों की मानें तो बड़े से बड़ा वायरस भी गुणकारी जल में स्नान के बाद खत्म हो जाता है.
वाराणसी:: गंगा स्नान से भागेगा कोरोना. बीएचयू के सीनियर चिकित्सकों का ये दावा है. लेकिन, क्या ये सच हो सकता है? इसी का पता लगाने के लिए बीएचयू के सीनियर चिकित्सकों का दल इन दिनों घाट के किनारे शोध में जुटा हुआ है. घाट के किनारे रहने वाले लोग जो गंगा में स्नान करते हैं उनके सैम्पल लिए जा रहे हैं. बीएचयू के सीनियर चिकित्सक प्रोफेसर वीएन मिश्र का कहना है कि औषधीय गुणों वाला गंगा का जल कोरोना के इलाज में सहायक है.
रोजाना गंगा स्नान करने वाले नहीं हुए संक्रमित पहाड़ों से निकलकर मैदानी क्षेत्रों तक पहुंचने वाली भागीरथी के जल में औषधि का विशाल भंडार है. ये बात पिछले शोध में सामने आ चुकी है. लेकिन, अब एक नया तथ्य सामने आया है. गंगा किनारे रहने वालों में जो रोजाना गंगा स्नान करते हैं उनके घर में अन्य लोगों को कोरोना हुआ लेकिन उन्हें नहीं हुआ. लिहाजा अब बीएचयू के सीनियर चिकित्सक भी इस पर शोध में जुट गए हैं. गंगा में स्नान करने वाले लोगों का सैंपल लेने के साथ गंगा स्नान से उनकी इम्युनिटी का क्या संबंध है इसे जानने का प्रयास भी किया जा रहा है.
स्नान से खत्म हो जाता है वायरस गौरतलब है कि गंगा में पहले ही बैकरियोफेज अपने आप में औषधीय गुणों को मेंटेन करता है लेकिन अब वायरोफेज भी पाए जाने की बात सामने आई है. जानकारों की मानें तो बड़े से बड़ा वायरस भी गुणकारी जल में स्नान के बाद खत्म हो जाता है. बीएचयू के चिकित्सकों ने गंगा जल से तैयार नाजल ड्रॉप बनाया है और अन्य तथ्यों पर काम कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि आगे शोध में सामने क्या आता है.
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