Varanasi News: धर्म नगरी काशी ने अपनी परंपराओं और संस्कृतियों में अपने वीर जवानों को महत्वपूर्ण स्थान दिया है. सुरक्षाकर्मियों के बलिदान और समाज के प्रति निभाए गए कर्तव्य को काशी ने हमेशा अपने सर माथे पर रखा है. इसी कड़ी में शनिवार को गंगोत्री सेवा समिति की तरफ से पीएसी एवं पुलिस के 11 शहीदों की स्मृति में आकाशदीप जलाए गए. इसके अलावा मां गंगा के मध्य धारा में दीपदान भी किया गया. 


यह परंपरा बीते कई वर्षों से निभाई जा रही है. जिनके अनुसार अश्विन पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक बनारस के इस घाट पर आकाश दीप जलाए जाते हैं, जिससे शहीद जवानों की आत्मा को शांति मिलती है.


शहीद जवानों की याद में जलाए दीप
वाराणसी के दश्वाशमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति की तरफ से आकाशदीप जलाए जाते हैं. इसके अलावा शहीदों की याद में गंगा की मुख्य धारा में दीपदान भी किया जाता है. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को गंगोत्री सेवा समिति ने 11 शहीद पुलिस कर्मियों व पीएसी जवानों के याद में आकाशदीप जलाए गए. 


इस दौरान समिति के सदस्यों ने लकड़ी से बनी टोकरी में दीपक रखकर जलाया और शहीद जवानों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. इसके अलावा गंगा की धारा में दीपदान भी किया गया. प्रमुख तौर पर इसकी शुरुआत पांच आचार्यों द्वारा की गई जिन्होंने मां गंगा का षोंडशोचार विधि से पूजन किया. इसके बाद 101 दीप भी गंगा में प्रभावित किए गए.


सालों से निभाई जा रही है परंपरा
वाराणसी में ये परंपरा पिछले कई सालों से निभाई जा रही है. इस परंपरा के अनुसार वेदों मंत्र की गूंज के बीच पीएससी बैंड की धुन के साथ वहां मौजूद अतिथियों ने शहीदों की याद में दीप प्रज्वलित किया. 


इस आयोजन के दौरान वाराणसी के कई गणमान्य लोगों के साथ-साथ वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने स्वयं दीप प्रज्वलित भी किया. आश्विन पूर्णिमा के बाद से ही वाराणसी के अलग-अलग घाटों पर अनेक सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम का भी आयोजन शुरू कर दिया जाता है.


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