वाराणसी, नितीश कुमार पांडेय। स्मार्ट सिटी रैंकिंग में प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी सातवें स्थान पर है। राष्ट्रीय स्तर पर 100 शहरों के प्रदर्शन में सातवीं रैंक आने के बाद नगर निगम प्रशासन उत्साहित है। स्थानीय प्रशासन ने संकल्प लिया है कि आगे और कार्य के स्तर में सुधार लाकर बेहतर रैंक लाने के प्रयास किये जाएंगे।
कैसे होती है रैंकिंग
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत प्रतिवर्ष 100 स्मार्ट सिटी द्वारा किये गए कार्यों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है। स्मार्ट सिटी मिशन में निर्धारित मापदंडों के आधार पर दिसंबर 2019 में जारी रैंकिंग में वाराणसी को कार्यों के प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर 14 वां स्थान प्राप्त हुआ था। दोबारा तीन महीने बाद 13 मार्च 2020 को जारी रैंकिंग में राष्ट्रीय स्तर पर 100 शहरों में 7 वीं रैंक प्राप्त हुई है।
सातवीं रैंक आने के बाद नगर निगम उत्साहित
नगर आयुक्त गौरांग राठी की माने तो 'सुंदर काशी स्वच्छ काशी सुरक्षित काशी'समृद्ध काशी' की परिकल्पना के साथ नगर निगम की टीम लगातार काम कर रही है और 1074 करोड़ रुपये के कार्य मार्च तक पूरे होने हैं। जिससे आने वाले दिनों में और बेहतर करने की कोशिश की जाएगी, जिससे आने वाले दिनों में वाराणसी की रैंकिंग में और सुधार की संभावना है।
क्या होते हैं रैंकिंग के मापदंड
स्मार्ट सिटीज की रैंकिंग के लिए मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स ने 100 अंक निर्धारित किये जाते हैं। इसमें प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन के 2 अंक, कम्यूलेटिव वैल्यू ऑफ वर्क्स इश्यूड के 4 अंक, वर्क्स कंपलीट के 6, टेंडर इश्यूड के 8, वर्क ऑर्डर अंडर एससीएमएलपी के 16 अंक, वर्क कंपलीटिड अंडर एससीएमएलपी के 24, ट्रांसफर ऑफ फंड्स टू एसपीवी अकाउंट के 14, यूटिलाइजेशन ऑफ फंड्स बाय एसपीवी के 14, नंबर ऑफ स्मार्ट सिटी एडवायजरी फोरम के 6 और नंबर ऑफ टाइम कंपलेंट यूसी के 6 अंक निर्धारित किए गए हैं।