वाराणसी के प्राइमरी सरकारी स्कूलों में बेंच पर बैठकर पढ़ेंगे छात्र, बना यूपी का पहला स्मार्ट क्लास वाला जिला
Varanasi News: यूपी सरकार प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए लगातार प्रयार कर रही है. इसका असर वाराणसी के सरकारी स्कूलों में दिखाई पड़ रहा है.

Varanasi News Today: देश के अनेक राज्यों की तरफ से सरकारी स्कूल की व्यवस्थाओं को निजी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के तर्ज पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश का वाराणसी ऐसा पहला जनपद बन गया है जहां के सभी प्राथमिक विद्यालय स्मार्ट क्लास से युक्त हो चुके हैं.
इसके अलावा वाराणसी के सभी प्राथमिक विद्यालय की पढ़ाई पूरी तरह से टाट पट्टी (दरी) से मुक्त होगी. अब छात्र और छात्राएं बेंच पर पढ़ाई करेंगे. इसके अलावा कॉलेजों में लाइब्रेरी, स्कूलों की खिड़की दरवाजों को बेहतर करने के साथ-साथ स्मार्ट क्लास को विकसित किया जा रहा है.
इस मामले में वाराणसी बना नंबर वन
वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने एबीपी लाइव को बताया कि सरकारी विद्यालय और कॉलेज में छात्रों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निरंतर प्रयास जारी है. उन्होंने दावा किया कि अब उत्तर प्रदेश में वाराणसी पहला ऐसा जनपद है, जहां की सभी प्राथमिक विद्यालय स्मार्ट क्लास से युक्त हैं.
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने कहा, "अब वाराणसी के स्कूलों में कोई भी छात्र टाट पट्टी पर नहीं बल्कि बेंच पर ही पढ़ाई करेगा." उन्होंने कहा, "इसके साथ ही अब सूबे में वाराणसी ऐसा पहला जिला होगा जहां के किसी भी प्राथमिक विद्यालय में कोई भी छात्र नीचे बैठकर टाट पट्टी पर पढ़ाई नहीं करेगा."
हिमांशु नागपाल ने आगे बताया कि जनपद में 1143 प्राथमिक विद्यालय हैं, जो स्मार्ट क्लास से युक्त हो चुके हैं. इसके अलावा जनपद के 33 इंटर कॉलेज में तेजी से लाइब्रेरी बनाने और खिड़की दरवाजों को बेहतर करने के साथ-साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्थाओं को पूरा किया जा रहा है.
'अभिभावक कर रहे सरकारी स्कूल का रुख'
इंग्लिश मीडियम और निजी विद्यालयों में बढ़ती फीस की वजह से अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकारी विद्यालयों की तरफ रुख कर रहे हैं. हर साल इसमें वृद्धि देखी जा रही है. जहां एक तरफ राजधानी दिल्ली के सरकारी विद्यालय की चर्चा पूरे देश में देखी जाती है.
वहीं अलग-अलग राज्यों के भी प्राथमिक, मिडिल और इंटर कॉलेज की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं. निश्चित तौर पर आने वाले समय में सरकारी विद्यालय में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा और बेहतर सुविधाएं मिलती हैं तो अभिभावकों के लिए यह सबसे बड़ी राहत होगी.
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