Varanasi News: वाराणसी में ज्ञानवापी को लेकर लंबे समय से हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने सामने है. हिंदू पक्ष के मुताबिक साल 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया. तो सवाल यही है कि टूटने के पहले महादेव के मंदिर का स्वरूप कैसा होगा? मंदिर की भव्यता कितनी सुंदर होगी? इसे लेकर शिव भक्तों का इंतजार खत्म होने वाला है. हिंदू पक्ष की ओर से इस प्राचीन मंदिर का मॉडल बनवाया गया है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हिंदू पक्ष इसी मॉडल के साथ एक जनजागरण करेगी और इसी के तर्ज पर मंदिर का निर्माण होगा.


प्रस्तावित मॉडल में मंदिर की लंबाई और चौड़ाई 128 फीट है. जबकि मंदिर की ऊंचाई 128 फिट है. इसमें आठ छोटे शिखर और बीच में एक बड़ा शिखर बनाया गया है. मंदिर से तहखाने की दूरी सात फीट है. गौरतलब है कि ज्ञानवापी को लेकर कोर्ट के फैसले पर ASI सर्वे की शुरुआत होने जा रही है. हाईकोर्ट ने सिर्फ वाजूखने में मिली शिवलिंग नुमा आकृति की ASI सर्वे की इजाजत दी है, जबकि हिंदू पक्ष अब संपूर्ण परिसर के सर्वे की मांग कर रहा है. हिंदू पक्ष एक तरफ अदालती लड़ाई लड़ रहा है तो दूसरी ओर उसने मंदिर निर्माण की तैयारी भी तेज कर दी है.


ऐतिहासिक साक्ष्यों और तस्वीरों के आधार पर बना है मंदिर का मॉडल 


ज्ञानवापी के मॉडल पर हिंदू पक्ष से सोहनलाल आर्य ने बताया कि पूरी प्रमाणिकता के साथ मॉडल को तैयार किया गया है. ऐतिहासिक साक्ष्यों और तस्वीरों से मिली जानकारी के आधार पर ही पूरा मॉडल बनाया गया है. ग्रंथों में भी इस बात का उल्लेख है कि मंदिर में कुल 8 मंडप बने थे और यह मॉडल में भी उसी तरह के मंडप और शिखर बनाए गए हैं. मंदिर की कुल लंबाई चौड़ाई 125 बूढ़े 125 फीट है. जबकि ऊंचाई 128 फीट है मंदिर से तहखाने की गहराई 7 फुट है. इस मॉडल में भी उस परवर्तन कक्ष को भी दिखाया गया है जिसमे औरंगजेब का भाई दारा शिकोज संस्कृत की शिक्षा लेता था. यह मॉडल लोगों के बीच आदिविशेश्वर मंदिर के भाव को जगाने का काम करेगा.


बता दें कि ज्ञानवापी परिसर के संपूर्ण एएसआई सर्वे की याचिका स्वीकार की गई है, इस याचिका को जिला अदालत ने स्वीकार किया है. इस मामले में 19 मई को मुस्लिम पक्ष आपत्ति दाखिल करेगा. वहीं 22 मई को दोनों पक्षों की सुनवाई, हिंदूपक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के संपूर्ण एएसआई सर्वे की याचिका दाखिल की है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे किए जाने का आदेश जारी किया था. इस सर्वे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) करेगा जो कथित शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए सर्वे करेगा.


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