UP Politics: ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने स्वामी प्रसाद मौर्य को भेजा बुर्का, कहा- 'इसे पहनकर दिखाएं अपनी हकीकत'
UP Politics: सनातन विरोधी बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने बुर्का भेजा है और मांग की है मौर्य इसे पहनकर अपनी सच्चाई सबको बताएं.
Swami Prasad Maurya News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पिछले कुछ समय से लगातार सनातन विरोधी बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. रामचरितमानस से लेकर साधु-संतों पर दिए गए उनके बयानों से सनातन समाज में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है, जिसके बाद अब वाराणसी में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने मौर्य पर पलटवार किया है. महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने उनके लिए एक बुर्का भेजा है और कहा है कि मौर्य इसे पहने ताकि उनकी असली पहचान सामने आ सके.
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वो देश में विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं, जो सही नहीं है. मौर्य सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ही बीजेपी के साथ जुड़े थे और इसके बाद उन्होंने बीजेपी को छोड़ दिया है. उनका बीजेपी के साथ आना और बीजेपी को छोड़ना राजनीतिक स्वार्थ के चलते हुआ. जब वो बीजेपी में थे तो जय श्री राम के नारे लगाते थे और अब सनातन विरोधी बयान दे रहे हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य को भेजा बुर्का
महापरिषद ने कहा कि हमने स्वामी प्रसाद मौर्य को उनके सनातन विरोधी बयानों से तंग आकर बुर्का भेज दिया है ताकि वो बुर्का पहनकर हिन्दू समाज के सामने आएं और उनकी असली पहचान लोगों के सामने आ सके. जब तक वो बीजेपी के साथ रहे तो जय श्रीराम के नारे लगाते थे और अब गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस, भगवान राम और हिंदू समाज को गाली दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने पहले उनके बयानों को राजनीतिक मानते हुए नजर अंदाज किया, लेकिन वो लगातार अपनी जुबान से जहर उगलकर हिन्दू समाज का अपमान कर रहे हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार अपने हिन्दू विरोधी बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. पहले उन्होंने रामचरित मानस पर सवाल उठाए, जिसके बाद कई साधु संतों को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की. यही नहीं उन्होंने उदयनिधि स्टालिन के बयान का भी समर्थन करते हुए हिन्दू धर्म पर भी विवादित बयान दिया.