Gyanvapi News: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में हुए एएसआई सर्वे के मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इसके बाद 1991 के मूल वाद से जुड़े दो मामले में आज (25 अक्टूबर) बड़ा फैसला आ सकता है. 1991 के मूलवाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी बनाम लॉर्ड विशेश्वर के मामले में 25 अक्टूबर को बड़ा फैसला आ सकता है. कोर्ट आज जो फैसला सुनाएगी, वो इस लिहाज से भी अहम होगा, क्योंकि इससे ज्ञानवापी केस को दिशा मिल सकती है. 


वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट (सीनियर डिवीजन) से मूलवाद के एक महत्वपूर्ण मामले में ये फैसला आना है. जज युगल शंभू के अदालत से आने वाला फैसला इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, जिससे ज्ञानवापी मामले को एक दिशा मिल जाएगी और सुप्रीम कोर्ट तक इस फैसले को आधार बनाकर दोनों पक्ष अपनी न्यायिक लड़ाई लड़ेंगे.


दोनों पक्षों की बहस पूरी
इस मामले में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष दोनों ही अपनी दलील कोर्ट के सामने रख चुके हैं. ज्ञानवापी में सील वजूखाने और शेष बचे परिसर के सर्वे की मांग 1991 के लार्ड विश्वेश्वर के मूलवाद में अतिरिक्त सर्वे की अर्जी पर सुनवाई पूरी हो गई है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने 25 अक्तूबर को आदेश सुनाने के लिए पत्रावली सुरक्षित रख ली थी. 


इससे पहले संपूर्ण परिसर के सर्वे से संबंधित अर्जी के विरोध में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दलील दी गई. इसमें बताया गया कि एएसआई की ओर से सर्वेक्षण हो चुका है. अब अतिरिक्त सर्वे की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपने पूर्व के एक आदेश में कहा है कि अब ज्ञानवापी में कोई कार्य होगा तो उसके लिए अनुमति लेनी होगी, इसलिए यह अर्जी खारिज करने योग्य है.


इस मामले हिंदू पक्ष की ओर से दलील देते हुए लॉर्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने को संरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं. सुरक्षित माहौल में वजूखाने और बाकी बचे परिसर का सर्वे हो सकता है. अधूरे सर्वे से हिंदू पक्ष को नुकसान हो सकता है. गुंबद के नीचे सौ फीट आदि विश्वेश्वर हैं. जीपीआर सर्वे से इसका पता लगाया जा सकता है. 


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