हजारों गौरैया की देखभाल करते हैं वाराणसी के इंद्रपाल, मन की बात में PM मोदी भी कर चुके हैं जिक्र
UP News: वाराणसी के इंद्रपाल जिनके आवास पर तकरीबन 250 गौरेया प्रतिदिन दाना-पानी के लिए आती है. 20 मार्च विश्व गौरैया दिवस पर उन्होंने लोगों से पक्षियों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने की अपील की है.

Varanasi news: हर साल 20 मार्च का दिन विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है. पक्षी गौरैया प्रकृति की एक खूबसूरत भेंट मानी जाती है. इनकी चहचहाहट के साथ ही होने वाले सूर्योदय को लोग ऊर्जा से भरी अगली सुबह के रूप में स्वीकार करते रहे हैं. लेकिन बीते दशक से आसमान में कम होती गौरैया की संख्या ने लोगों को न सिर्फ उनके जीवन के संकट के बारे में इशारा किया है. बल्कि इस दौरान प्राकृतिक असंतुलन का भी जीता जागता प्रमाण देखने को मिला है. लेकिन इन सभी समस्याओं के बीच अनेक लोग ऐसे भी हैं, जो गौरैया के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए भी लगातार प्रयास में जुटे हुए हैं. सुखद बात यह भी है की जमीन पर उसका सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है.
वाराणसी के गुरुबाग क्षेत्र में रहने वाले इंद्रपाल सिंह बत्रा अपने आवास पर तकरीबन 250 गौरैया का देखभाल करते हैं. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में इन्होंने बताया कि, लगभग 2 दशक से वह पक्षी गौरैया के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए कार्य कर रहे हैं. इनके आवास पर तकरीबन 250 और आसपास के क्षेत्र को मिला दिया जाए तो 2000 से अधिक गौरैया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी की सराहना
प्रतिवर्ष लगभग 600 के आंकड़ों में जन्म लेने के साथ इनकी संख्या में वृद्धि होती है. आसपास के भी क्षेत्र को मिला दिया जाए तो रोजाना यह अपने दाने और ठिकाने के लिए आवास पर पहुंचती हैं और बड़े ही संतुलित माहौल में अपना जीवन यापन करती हैं. लगभग दो दशक पहले लगातार कम होती गौरैया पक्षियों की संख्या के बाद इनको बचाने के उद्देश्य से यह प्रयास शुरू किया गया था.
इंद्रपाल सिंह बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 75वें मन की बात के दौरान उनके कार्यों का जिक्र किया गया है, जिससे उन्हें और प्रेरणा मिली. इसके अलावा राज्यपाल, प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित देश के नामचीन हस्तियों ने भी उनके कार्य की प्रशंसा की है. विश्व गौरैया दिवस पर उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने व्यस्त जीवन में प्रकृति के लिए भी समय देना हमारा कर्तव्य है और खास तौर पर जिनका जीवन संकट में है उनके लिए हमें निस्वार्थ भाव से आगे आना चाहिए.
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