BHU Doctor Strike: BHU अस्पताल में छात्रों और चिकित्सकों के बीच 20 सितंबर को हुए मारपीट के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. विवाद के बाद से ही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार जारी है, जिसकी वजह से ओपीडी व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित है और खासतौर पर दूरदराज से आने वाले मरीजों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
यहां तक की मरीज के परिजन उन्हें स्ट्रेचर पर बाहर ही लेटाकर इलाज और चिकित्सा सुविधा का इंतजार करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि जब तक पूरे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी और उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी. तब तक वह ओपीडी व्यवस्था के साथ-साथ अपने काम पर पूरी तरह वापस नहीं लौटेंगे.
जमीन पर लेटने को मजबूर मरीज
मरीज के परिजन सुरेंद्र कुमार ने बातचीत के दौरान बताया कि वह बलिया से अपने पिता को इलाज के लिए BHU ओपीडी में लाए हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से उन्हें काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ओपीडी व्यवस्था ठप्प रहने की वजह से चिकित्सकों से परामर्श नहीं हो सका. दोपहर 2 बजे तक मिलने वाली ओपीडी सेवा पूरी तरह प्रभावित देखी जा रही है. 20 सितंबर को चिकित्सकों और छात्रों के बीच में हुई मारपीट के बाद हड़ताल लगातार जारी है, जिसके बाद दूरदराज से आए मरीज के परिजन उन्हें बाहर ही स्ट्रेचर और जमीन पर लेटाने के लिए मजबूर दिखाई दे रहे हैं.
इमरजेंसी सेवा ठप्प करने की दी चेतावनी
BHU अस्पताल में छात्रों और चिकित्सकों के बीच 20 सितंबर को हुए मारपीट के बाद जूनियर डॉक्टर आक्रोशित नजर आ रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो आने वाले समय में हम इमरजेंसी सेवा भी ठप्प करेंगे. ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों के आगे यह बड़ा संकट खड़ा हो सकता है. फिलहाल अभी तक बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के चिकित्सकों को मनाने का भी लगातार प्रयास किया जा रहा है.
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