Varanasi News: काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण के बाद दिनों दिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है. इसके अलावा मंदिर प्रशासन की तरफ से भी लगातार मंदिर की व्यवस्था को बेहतर करने के साथ-साथ प्रमुख तिथियों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है. बड़ी संख्या में काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ावा भी चढ़ाया जा रहा है.


इसी क्रम में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 1983 के बाद से बंद पड़ी नियमावली को लागू किया जाएगा, जिसके अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा पाठ करने वाले पुजारियों की वेतन में वृद्धि होगी. इसके अलावा इस नई नियमावली में उनके लिए इंश्योरेंस और प्रतिवर्ष वेतन में वृद्धि का भी प्रावधान है.


 'तीन अलग-अलग पद पर मंदिर के पुजारी'
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से मंडलायुक्त और मंदिर प्रशासन की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें पुजारी नाम से इस नई नियमावली को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने बताया कि नई नियमावली जो पुजारी नियमावली के नाम से है. इसको लेकर वाराणसी के मंडलायुक्त, काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, न्यास परिषद के अध्यक्ष और अन्य अधिकारी सहित मंदिर प्रशासन के लोगों की मौजूदगी में 105 वीं  बैठक का आयोजन किया गया.


इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर के सभी पुजारियों को तीन अलग-अलग पद में बांटा गया है. सहायक पुजारी का एक पद होगा जो सीधी भर्ती से नियुक्त होंगे, दूसरा कनिष्ठ अर्चक होंगे जो सीधी भर्ती के अलावा 10 वर्ष तक सहायक अर्चक रहने के बाद पदोन्नत होकर नियुक्त होंगे. और तीसरा वरिष्ठ पुजारी होंगे जो 10 वर्ष की सेवा के बाद नियुक्त होंगे. सहायक पुजारी को 45 हजार रुपए मासिक मानदेय प्राप्त होगा, कनिष्ठ पुजारियों को 70 हजार मासिक मानदेय और मुख्य पुजारी को 90 हजार मासिक मानदेय प्राप्त होगा.


'मंदिर के पुजारी को मिलेंगी ये सुविधाएं'
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ मिली जानकारी के अनुसार वेतन के अलावा वेतन भत्ते के रूप में मुख्य पुजारी को 4000 रुपए, कनिष्ठ अर्चक को 3000 रुपए,  सहायक पुजारी को 2000 रुपए प्राप्त होंगे. और सभी के मासिक वेतन में प्रतिवर्ष 4% की वृद्धि भी की जाएगी. इसके अलावा पुजारियों को न्यास की तरफ से उनके द्वारा जमा किए गए रुपयों के आधार पर बीमा की भी सुविधा प्राप्त होगी. तकरीबन 40 साल बाद नई नियमावली पुजारी नियमावली के रूप में लागू हो रही है जिसमें यह बदलाव देखे जा रहे हैं. इसके अलावा कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के संस्कृत पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए सांसद संस्कृत ज्ञान प्रतियोगिता का बड़ा आयोजन किया जाएगा.


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