Gyanvapi Masjid News: यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर (Kashi Vishwanath Temple) के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को हिंदुओं को सौंपे जाने और वहां पूजा-अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग वाली अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में चल रही सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. हाई कोर्ट इस मामले में 4 अप्रैल को फिर से सुनवाई करेगा. हाई कोर्ट में दो मुस्लिम पक्षकारों की पांच याचिकाएं पेंडिंग हैं.
इन पांचों अर्जियों पर अदालत एक साथ सुनवाई कर रहा है. दो मामलों में तो सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट भी सुरक्षित कर रखा है. उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल या मई महीने में अदालत इस बेहद चर्चित मामले में अपना फैसला सुना सकती है. हाई कोर्ट का फैसला आने तक निचली अदालत से सुनाए गए विवादित परिसर की खुदाई एसआई से कराकर उसका सर्वेक्षण कराए जाने के आदेश पर लगी रोक जारी रहेगी.
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यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है. यहां अभी मुस्लिम समुदाय रोजाना पांचों वक्त सामूहिक तौर पर नमाज़ अदा करता है. मस्जिद का संचालन अंजुमन ए इंतजामिया कमेटी द्वारा किया जाता है. साल 1991 में वाराणसी के सिविल जज की अदालत में एक अर्जी दाखिल की गई.
इस अर्जी में यह दावा किया गया कि जिस जगह ज्ञानवापी मस्जिद है, वहां पहले लॉर्ड विशेश्वर का मंदिर हुआ करता था और श्रृंगार गौरी की पूजा होती थी. मुगल शासकों ने इस मंदिर को तोड़कर इस पर कब्जा कर लिया था और यहां मस्जिद का निर्माण कराया था. ऐसे में ज्ञानवापी परिसर को मुस्लिम पक्ष से खाली कराकर इसे हिंदुओं को सौंप देना चाहिए और उन्हें श्रृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत दी जानी चाहिए.
मामले की सुनवाई जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में हुई. अदालत ने इस मामले में अब 4 अप्रैल को फिर से सुनवाई किए जाने का फैसला किया है. 4 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Sunni Central Waqf Board) और स्वयंभू भगवान विशेश्वर की तरफ से दलीलें पेश की जाएंगे.
तीन से चार दिनों तक डे टू डे बेसिस पर सुनवाई चलने के बाद अदालत इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख सकती है. उम्मीद जताई जा रही है कि हाईकोर्ट इस पूरे मामले में अप्रैल महीने के आखिरी हफ्ते या मई महीने में अपना फैसला सुना सकती है.
काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से नहीं कोई विवाद
यहां यह भी बताना जरूरी है कि ज्ञानवापी मस्जिद का काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. मंदिर का ट्रस्ट इस पूरे मामले में कहीं भी पक्षकार नहीं है और ना ही उसने कहीं कोई याचिका दाखिल कर रखी है. स्वयंभू भगवान विशेश्वर पक्ष थर्ड पार्टी के तौर पर पिछले करीब तीन दशकों से अदालती लड़ाई लड़ रहा है.
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