'सपने में आए थे श्रीकृष्ण', लिथुआनिया के हेनरीक्स ईसाई से बने हिन्दू, बताई हैरान करने वाली कहानी
Varaansi News: हेनरीक्स ने बताया एक बार वो सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. एक्सीडेंट में घायल होने के दौरान जब उनकी आंखें बंद हुई तो उनके सपने में साक्षात भगवान श्रीकृष्ण ने दर्शन दिए थे.
Varaansi News: विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी में लोग धार्मिक यात्रा के साथ-साथ विभिन्न धर्म में अपनी आस्था को जीवंत देखते हुए भी पहुंचने की इच्छा जताते हैं. इसी क्रम में काशी स्थित एक मठ में लिथुआनिया के रहने वाले हेनरीक्स ने ईसाई धर्म छोड़कर सनातन धर्म को अपना लिया. हेनरीक्स ने काशी के ब्रह्म निवास स्थित मठ में हिन्दू धर्म अपनाया. उन्होंने अपने धर्म परिवर्तन की जो वजह बताई है उसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
हेनरीक्स ने बताया एक बार वो सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. एक्सीडेंट में घायल होने के दौरान जब उनकी आंखें बंद हुई तो उनके सपने में साक्षात भगवान श्रीकृष्ण ने दर्शन दिए थे. भगवान उनके सपने में आए और तभी से उनके अंदर सनातन धर्म से जुड़ने की इच्छा हुई. जिसके बाद वो सनातन धर्म को अपनाने के लिए भारत आए. अखिल भारतीय संत समिति, विश्व हिंदू परिषद, काशी विद्वत परिषद और अन्य विद्वानों की मौजूदगी में विधि विधान से उन्होंने सनातन धर्म को स्वीकार किया.
ईसाई धर्म छोड़कर अपना सनातन
काशी के ब्रह्म निवास स्थित मठ में लिथुआनिया के रहने वाले हेनरीक्स ने ईसाई धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया. इस दौरान उन्होंने मठ में विधि विधान से सनातन धर्म के नियमों का पालन करते हुए धर्म को स्वीकार किया. हेनरीक्स के अनुसार वह सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे, इन विपरीत परिस्थिति में भगवान श्री कृष्ण उनके सपने में आए. इसके बाद वह श्रीमद् भागवत गीता पढ़ने लगे. इसके बाद उन्होंने सनातन धर्म से जुड़ने की इच्छा जताई. सनातन धर्म स्वीकारने के बाद हेनरीक्स का नाम केशव रखा गया और उनका गोत्र कश्यप बताया जा रहा है.
काशी स्थित ब्रह्म निवास मठ में हेनरीक्स द्वारा सनातन धर्म को स्वीकार किया गया. अब वह केशव के रूप में जाने जाएंगे. इस दौरान उन्होंने मस्तक पर त्रिपुंड भी लगाया. मठ में अखिल भारतीय संत समिति, काशी विद्वत परिषद, विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी सहित अन्य लोग भी मौजूद थे. सनातन धर्म से जुड़ने के बाद हेनरीक्स ने भी खुशी जताई और लोगों ने भी उनका अभिवादन किया. ईश्वर की प्राप्ति के उद्देश्य से इससे पहले भी अनेक लोग काशी में आकर सनातन धर्म से जुड़ चुके हैं.
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