Shrinath Khandelwal Death: वाराणसी के साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का निधन, अंतिम संस्कार में नहीं आए परिवार के लोग
Shrinath Khandelwal Death News: वाराणसी से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज के दौर में रिश्तों की मर्यादा और संवेदनाएं कहां गुम हो चुकी हैं.
Shrinath Khandelwal Died: उत्तर प्रदेश की काशी को साहित्य की नगरी भी कहा जाता है. बीते दिनों जिले से एक ऐसी तस्वीर निकल कर आई, जिसने सभी को वर्तमान सामाजिक व्यवस्था को लेकर चिंता में डाल दिया है. वाराणसी के ही एक वृद्धाश्रम में 80 साल के साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल बीते मार्च महीने से रह रहे थे. बीमारी की वजह से बीते शनिवार को उनका निधन हो गया, लेकिन सूचना मिलने के बाद भी उनके अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्यों की तरफ से उपस्थित होने में असमर्थता जताई गई. हालांकि, काशी के सामाजिक कार्यकर्ता और आश्रम की तरफ से उनकी अंतिम यात्रा को तो पूर्ण करा दिया गया, लेकिन लोगों के मन में अब यह सवाल गूंज रहा है कि आज रिश्तों की मर्यादा और संवेदनाएं कहां गुम हो चुकी हैं.
सूचना के अनुसार 80 वर्ष के श्रीनाथ खंडेलवाल ने सैकड़ो पुस्तकें लिखी हैं. शनिवार के दिन वाराणसी के एक निजी अस्पताल में निमोनिया और किडनी की समस्या से उनकी मौत हो गई. लेकिन, उनकी मृत्यु ने समाज के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. वह धन वैभव से पूरी तरह संपन्न होते हुए भी वाराणसी के सारनाथ हीरामनपुर स्थित एक वृद्धाश्रम में मार्च महीने 2024 से रह रहे थे.
मार्च 2024 में श्रीनाथ खंडेलवाल आए थे आश्रम
एबीपी लाइव ने जब सारनाथ स्थित वृद्धाश्रम के केयरटेकर से उनके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मार्च 2024 में वह इस आश्रम में आए थे. किताबों को पढ़ने-लिखने पर वह ज्यादा समय देते थे. अगर किसी व्यक्ति की ओर से उनसे परिवार के बारे में पूछा जाता था तो वह उसकी चर्चा कम करते थे और अपने दुख को छुपाना बेहतर समझते थे. शनिवार के दिन वाराणसी के एक निजी अस्पताल में उनका देहांत हो गया. नियम अनुसार जब इसकी सूचना उनके परिवार के सदस्यों को दी गई तो उन्होंने आने पर असमर्थता जताई. अन्य परिजनों को भी इसकी जानकारी दी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
काशी के कबीर ने किया अंतिम संस्कार
श्रीनाथ खंडेलवाल की मृत्यु के बाद जब इसकी जानकारी परिजनों को दी गई तो परिजनों ने आने पर असमर्थता जताई. इसके बाद वृद्धाश्रम के लोगों और काशी के समाज सेवक अमन कबीर की ओर से श्रीनाथ खंडेलवाल का मोहनाघाट पर अंतिम संस्कार किया गया. देर शाम होते ही सोशल मीडिया के माध्यम से जब काशी के लोगों के बीच यह बात पहुंची तो लोगों ने चर्चा में कहा कि 'दौलत भले ही कम हो, लेकिन हमारी अंतिम यात्रा को पूरा करने के लिए कम से कम परिवार के अलावा भी चार मित्र और शुभचिंतक जरूरी हैं, जिससे ऐसा दिन न देखना पड़े.'
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