Varanasi News: भगवान बुद्ध की तपस्थली के रूप में पहचाने जाने वाला काशी का सारनाथ एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. लेकिन अब वाराणसी विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयास से एक विशेष परियोजना के माध्यम से काशी के इस प्राचीन धरोहर से जुड़ी हर एक कड़ी को संवारा सजाया जा रहा है. इसका प्रमुख उद्देश्य पर्यटन स्थल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष पहचान प्राप्त कराना है. सड़क से लेकर लाइटिंग व्यवस्था साथ ही यहां पर पुराने स्मारक की देखरेख, पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे कार्य को तेजी से पूरा किया जा रहा है.
भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया था. इसलिए बड़ी संख्या में बुद्ध धर्म को मानने वाले देश और विदेश के श्रद्धालु यहां आते हैं. लेकिन इस बार वाराणसी विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग द्वारा खासतौर पर अन्य स्थलों से सारनाथ में भी पर्यटकों के आवागमन के लिए इस प्रोजेक्ट पर संयुक्त रूप से कार्य किया जा रहा है. काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती, नौका विहार और शहर के अन्य धार्मिक स्थल पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. सारनाथ वाराणसी के उत्तरी क्षेत्र में शहर से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पर्यटन स्थल को भी विकसित किया जाएगा.
90 करोड़ की लागत से बन रहा है प्रो पुअर प्रोजेक्ट
वाराणसी विकास प्राधिकरण की तरफ से एबीपी लाइव को मिली जानकारी के अनुसार विश्व बैंक की मदद से लगभग 90 करोड़ की लागत वाला सारनाथ का प्रो पुअर प्रोजेक्ट कार्य अब अंतिम चरण में है. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से चौड़ी सड़क, चौराहों का सौंदर्यीकरण, धर्म चक्र दिखने वाला स्ट्रीट लाइट, इमारत पर धार्मिक चिन्ह, स्ट्रीट पेडेस्ट्रियन प्रॉमिनाड, प्लांटेशन लैंडस्कैपिंग, बुद्धिस्ट थीम पर साइनेज एवं इंटरप्रेटेशन वॉल, ओवरहेड तारों को अंडरग्राउंड करना, आधुनिक जन सुविधा, पेयजल की सुविधा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर्यटक सूचना केंद्र एवं आवश्यक पर्यटक सुविधा को प्रदान करने की व्यवस्था बनाई जा रही है.
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