सात समंदर पार पहुंचा काशी की मेहंदी का रंग, न्यूयार्क-नार्वे से आ रही है डिमांड
अपने देश में यूं तो मेहंदी को सुहाग का प्रतीक माना जाता है. महिलाएं सजने संवरने में इसका खूब प्रयोग करती हैं. इस बीच काशी की मेहंदी का रंग अब विदेशों में अपना असर छोड़ रहा है.
वाराणसी: काशी की मेहंदी अब विदेशों में भी अपनी लाली बिखेरेगी. काशी की मेहंदी के लिए न सिर्फ नॉर्वे बल्कि अमेरिका के न्यूयॉर्क से भी आर्डर आते हैं. अपने देश में हर त्यौहार में महिलाओं के सौंदर्य का मुख्य हिस्सा मेहंदी है.
नॉर्वे न्यूयार्क से मिले आर्डर मेहंदी यानी वो प्राकृतिक रंग जो सुहाग का प्रतीक माना जाता है. काशी की मेहंदी तो पहले ही प्रसिद्ध मानी जाती है. यहां के मोतीझील की मेहंदी का जिक्र तो कजरी के गीतों में होता रहा है, अब ये मेहंदी विदेशों तक पहुंचने वाली है. जिसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं. नार्वे से दो हजार पैकेट मेहंदी के ऑर्डर हैं और न्यूयार्क से तीन हजार पैकेट मेहंदी के ऑर्डर मिले हैं.
काशी की बेटी शुभी का प्रयास लाया रंग मेहंदी की हरियाली और इसका लाल रंग अब विदेशों में जाने के लिए तैयार है, लेकिन इसे भेजने के लिए काशी की बेटी का प्रयास आज रंग लाया है. डीयू से पढ़ाई कर वाराणसी लौटी घर परिवार पहले से लकड़ी के खिलौने के व्यवसाय से जुड़ा था पहले तो शुभी ने अपने कारीगरों की स्थिति को देखा ,उसके बाद अपने विदेशी मित्र जो यहां आए थे उनको मेहंदी भेजी और फिर इसकी डिमांड आने लगी. अब काशी की मेहंदी की विदेशों में कई जगहों से मांग है. अब इसे तैयार करने की कार्यशैली को भी जान लीजिए. पहले मेहंदी के पत्तो को पेड़ से तोड़ा जाता है फिर सुखाकर उसे पीसकर पैकेट में भरा जाता है. पहली खेंप लगभग तैयार है और जल्द ही आर्डर पूरा किया जाएगा.
पहली खेप हुई तैयार काशी की बेटी का प्रयास आज यहां की प्राकृतिक पहचान को विदेशों तक पहुंचा रहा है. आने वाले दिनों में इससे महिलाओं के बड़े समूह को जोड़ने की योजना है.
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