Varanasi News: वाराणसी के इस इलाके में सीवर वाले पानी के बीच रहने को लोग मजबूर, स्ट्रीट लाइट की भी है समस्या
UP News: इस क्षेत्र में सीवर पाइपलाइन के साथ- साथ पीने का पानी वाला सप्लाई भी गुजरता है, जिसकी वजह से लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. यहां लगे कुछ गिने चुने स्ट्रीट लाइट भी रात में नहीं जलते.
UP News: बीते 7-8 सालों में वाराणसी की तस्वीर पहले की तुलना में बहुत बदल गई है. शिक्षा, स्वच्छता, पर्यटन, चिकित्सा व अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ कई आधुनिक व्यवस्थाएं भी बनारस को दूसरे जनपद से अलग बनाती हैं . लेकिन आज भी इस शहर में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर दशकों से बुनियादी सुविधाओं तक का अभाव देखने को मिलता है. क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते नजर आ रहे हैं. हैरानी की बात तो यह है कि इस क्षेत्र से चंद मीटर की दूरी पर अक्सर वीआइपीओं का काफिला गुजरता है.
दशकों से सीवर और स्ट्रीट लाइट की समस्या
स्थानीय निवासी शमशेर सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताया कि वाराणसी के नदेसर क्षेत्र के वार्ड नं. 34 ( नरेंद्रा कंप्यूटर - सरकारी ट्यूबवेल के ठीक सामने वाली गली में ) लगभग दशकों से सीवर समस्या बनी हुई है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र में सीवर पाइपलाइन के साथ- साथ पीने का पानी वाला सप्लाई भी गुजरता है, जिसकी वजह से लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. इसके अलावा यहां लगे कुछ गिने चुने स्ट्रीट लाइट भी रात में नहीं जलते.
'कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई'
हमारे परिवार में बच्चों को लेकर तकरीबन 16 सदस्य हैं और लाइट न होने की वजह से देर रात में परिवार के अलावा स्थानीय लोग दुर्घटनाग्रस्त भी होते हैं. खुले में बहते सीवर पानी के कारण हर साल लोग डायरिया और अन्य गंभीर बीमारी का शिकार होते हैं. स्थानीय पार्षद को इस समस्या के बारे में कई बार सूचना दी गई है, उनसे निवेदन किया गया है. इसके अलावा उन्होंने पिछले महीने JE के साथ इसका स्थलीय निरीक्षण भी किया था लेकिन अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
क्षेत्रीय समस्या ठीक होने में 3 महीने का वक्त लगेगा
जब इस मामले को लेकर पिछले दो बार से लगातार क्षेत्रीय वार्ड नंबर 34 के पार्षद सुशील गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह क्षेत्रीय समस्या हमारी जानकारी में है, आने वाले कुछ समय में टेंडर पास होने के बाद इस समस्या को ठीक कर लिया जाएगा. इसके अलावा बीते 15 अगस्त को स्थलीय निरीक्षण करने पहुंची JE पूनम यादव से कार्यवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की इस समस्या को लेकर प्रस्ताव दिया गया है और क्षेत्रीय समस्या ठीक होने में 3 महीने का वक्त लगेगा. मौजूदा स्थिति में जनपद में तेजी से बढ़ रहे डेंगू मलेरिया मरीजों की संख्या के बाद यहां के लोगों पर भी डेंगू मलेरिया से ग्रसित होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में अब देखना होगा की वाराणसी के लच्छीपूरा ( वार्ड नंबर - 34 ) स्थित इस क्षेत्र के सीवर समस्या, स्ट्रीट लाइट और साफ सफाई जैसे मूलभूत सुविधाओं पर कब निर्णय लिया जाता है.
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