BHU News: वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 10 दिसंबर को 102वें दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है. लेकिन, इससे पहले बीएचयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है. इस धरना प्रदर्शन की शुरुआत छात्र युवा संघर्ष समिति बीएचयू की तरफ की गई है. जानकारी के मुताबिक, छात्र शनिवार शाम को वीसी आवास के सामने बुद्धि शुद्धि हवन भी करने वाले हैं.


शुक्रवार को फीस वृद्धि के विरोध में छात्र कुलपति से मिलने पहुंचे थे, लेकिन जब वाइस चांसलर से मिल नहीं पाए तो बाहर प्रदर्शन करने लगे. इसी के साथ बीएचयू स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भेदभाव का भी आरोप लगाया. 


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प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना है कि बीएचयू के प्रणेता रहे महामना मदन मोहन मालवीय ने वंचित तबके के स्टूडेंट्स के हितों को ध्यान में रखकर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की है. 1916 में बनी यह यूनिवर्सिटी छात्रों के हित के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब प्रशासन उनके सपनों पर पानी फेर रहा है. छात्रों का कहना है कि बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम, एलएलबी, एलएलएम जैसे कोर्सेज़ की फीस में इतनी भारी बढ़ोतरी हुई है कि गरीब स्टूडेंट्स चाहकर भी एडमिशन नहीं ले पाएंगे. 


बीएचयू ने पेश की सफाई
वहीं, फीस वृद्धि के खिलाफ लगातार हो रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर बीएचयू प्रशासन ने सफाई पेश की है. प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि किसी भी स्टूडेंट की फीस में कोई इजाफा नहीं किया गया है. विवि प्रशासन विद्यार्थियों और पक्षधारकों से अपील भी कर रहा है कि फीस वृद्धि के नाम पर किए जा रहे दुष्प्रचार से सावधान रहें. भ्रम और गलत सूचना के जाल में न फसें. वहीं, प्रशासन ने साफ किया है कि साल 2020-21 और 2021-22 के सत्रों में किसी भी कोर्स में फीस हाइक नहीं की गई थी. अगर किसी छात्र से बढ़ी हुई फीस ली गई है तो उसे वापस किया जाएगा.