Kashi Vishwanath Temple: बाबा विश्वनाथ के भक्तों ने चढ़ाया दिल खोलकर चढ़ावा, 7 सालों में इतने गुना बढ़ी मंदिर की कमाई
UP News: कॉरिडोर बनने के बाद बाबा विश्वनाथ के भक्तों में जबरदस्त इजाफा हुआ है. पिछले सात सालों में मंदिर की आय में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है. मंदिर प्रशासन ने आंकड़े जारी किये हैं.
Kashi Vishwanath Temple: भगवान शंकर के सबसे बड़े धाम काशी विश्वनाथ के नए स्वरूप को देखकर भक्त निहाल होते हैं. यहां श्रद्धालुओं की संख्या में दिनों दिन वृद्धि देखी जा रही है. प्रचंड गर्मी और झुलसा देने वाले तापमान में भी श्रद्धालुओं की आस्था नहीं डगमगाई और सपरिवार श्रद्धालु बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए जाते दिखाई दिए. इसी बीच मंदिर प्रशासन की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है. बीते 7 वर्षों के आंकड़ों में बाबा के खजाने में चार गुना की बढ़ोतरी बताई जा रही है.
श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण दिसंबर 2021 में हुआ था. इसके बाद से ही न केवल प्रमुख तिथियों पर बल्कि सामान्य दिनों में भी रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है. देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे श्रद्धालुओं का बाबा के प्रति अपार स्नेह देखा जाता है. इसी क्रम में लोग अपनी श्रद्धा अनुसार बाबा को चढ़ावा भी अर्पित करते हैं.
2017 में 20.43 करोड़ तो 2024 में 86 करोड़
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार 2017 से 2024 के बीच में बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में चार गुना की वृद्धि देखी गई है. प्राचीनतम और नवीनतम व्यवस्थाओं से युक्त मंदिर परिसर को देख भक्त काफी प्रसन्न होते हैं और सुलभ दर्शन प्राप्त करके उन्हें एक अच्छी अनुभूति भी होती है. वहीं दिसंबर 2021 कॉरिडोर निर्माण के बाद से लेकर जून 2024 तक बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 16.22 करोड़ तक पहुंच गई है.
मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार बीते 7 वर्ष में बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में चार गुना की वृद्धि हुई है. 2017 की बात कर ले तो 20.43 करोड़ का चढ़ावा बाबा को अर्पित किया था, जिस समय पुराना मंदिर परिसर था. जबकि 2018 में 26.32 करोड़ 2019 में 26 करोड़, 2020 के कोरोना काल में 10.09 करोड़, 2021 में 20.03 करोड़ , 2022 में, 58.33 करोड़ और 2023 -24 में शिव भक्तों द्वारा 86 करोड़ चढ़ावा चढ़ाया गया है. विशेष तौर पर 2021 दिसंबर के बाद से मंदिर प्रशासन के चढ़ावे में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है.
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