Varanasi News Today: वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मिलने वाला बाबा का प्रसाद अब विशेष ढ़ंग से तैयार किया जाएगा. प्रसादम की शुद्धता, गुणवत्ता और स्वच्छता के मद्देनजर हिंदू धर्म के लोग ही स्नान करके भगवान को हाथ जोड़कर इसे बनाएंगे.


विख्यात श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आज से बाबा का प्रसाद बदल गया है. इसे अब चावल के आटे में बेलपत्र मिलाकर तैयार किया गया है, यहां पर हिंदू कारीगर ही प्रसादम तैयार करेंगे. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का अपना प्रसादम बिकेगा. कल विजयदशमी पर प्रसादम बाबा विश्वनाथ को भोग लगाकर चढ़ाया गया.


शास्त्रों से तैयार किया गया प्रसादम
अब इसका मंदिर परिसर में लगे स्टालों पर ही बिक्री शुरू की जाएगी. बाबा का प्रसादम शास्त्रों के आधार पर तैयार किया गया है. विद्वानों की टीम ने शास्त्रों के अध्ययन के बाद चावल के आटे, चीनी और बेल पत्र के चूर्ण से प्रसाद बनाने को कहा है. 


जो बेल पत्र बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाता है, उसी का चूर्ण बनाकर प्रसादम में मिलाकर प्रसादम बनाया गया है. प्रसादम बनाने के नियमों का काफी सख्त कर दिया गया है. शुद्धता, स्वच्छता और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए इसको बनाने वाले सभी हिंदू धर्म से जुड़े लोग ही रहेंगे.


वाराणसी कमिश्नर ने बांटा प्रसादम
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसादम को अपने हाथों से भक्तों में वितरित किया. कौशल राज शर्मा ने कहा कि आज विजयादशमी के पुनीत अवसर पर मंदिर प्रशासन के खुद के रेसिपी से तैयार प्रसाद भक्तों के लिए शुरू किया है.


इससे पहले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की तरफ से लगभग 8-10 महीने पहले इस पर विचार विमर्श करके यह निर्णय लिया गया था. जिसके तहत सेंट्रलाइज्ड प्रसाद शिवजी के ऊपर अर्पित होने वाला प्रसाद शास्त्रोक्त विधि और ग्रंथों के रिसर्च के बाद तैयार करने को कहा गया. 


इस विशेष प्रसाद को तैयार करने के लिए 4 से 5 महीने तक बहुत से ग्रंथों और पुराणों का अध्ययन किया गया. शिवजी को क्या प्रसाद अर्पित होता है, इन सभी विषयों पर विशेष शोध के बाद प्रसाद की रेसीपी तैयार की गई है. 


अमूल तैयार करेगा प्रसादम
आने वाले समय में अमूल की फैक्ट्री शुरू होने के बाद कि यह प्रसाद सेंट्रलाइज तरीके से अमूल के माध्यम से तैयार कराया जाएगा. यह प्रसाद चावल के आटे के साथ कई अन्य वस्तुओं को मिलाकर तैयार कराया जाएगा. 


प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता को लेकर अमूल से आग्रह किया गया था, जिसे अमूल ने स्वीकार कर लिया है. इसमें चावल का आटा, देसी घी और कई सामान इस्तेमाल होंगे. 


प्रसादम में लगने वाले सारे सामानों का इंतजाम अमूल कंपनी करेगी. इस प्रसाद को बनाने वाले लोग स्नान करके भगवान को हाथ जोड़कर, फिर प्रसाद बनाने का काम करेंगे. इसको तैयार करने वाले सभी लोगों का ताल्लुक हिंदू धर्म से होगा, जिससे प्रसाद की शुद्धता और सात्विकता बरकरार रहे.


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