Varanasi News Today: ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अभी थमा भी नहीं है कि वाराणसी में एक नया मामले ने तूल पकड़ लिया है. यूपी कॉलेज यानी उदय प्रताप कॉलेज की भूमि को लेकर विवाद शुरू हो गया है. यूपी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर डीके सिंह ने बताया की सन 2018 में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से एक नोटिस आया था, जिसमें कॉलेज की जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से दावा किया गया था.


प्रिंसिपल डॉक्टर डीके सिंह ने बताया कि नोटिस का जवाब कॉलेज की तरफ से दे दिया गया है, लेकिन अब फिर से विवाद शुरू हो गया है. उन्होंने आरोप लगाा कि अब यहां पर चोरी छिपे समुदाय विशेष की तरफ ने नया निर्माण शुरू करने की कोशिश की गयी है, जिसके बाद मौके से आनन फानन में गिट्टी बालू और सीमेंट हटा दिया गया है.


यूपी कॉलेज का इतिहास
बता दें, उदय प्रताप कॉलेज का शुमार पूर्वांचल के मशहूर और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में होता है. यह एक स्वायत्त कॉलेज ( Autonomous) है. इस विद्यालय की स्थापना 1909 में की गई थी. इस कॉलेज में वर्तमान में लगभग 7000 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं, लेकिन आज यह कॉलेज एक मजार की वजह से दो वर्गों के बीच तनाव का कारण बना हुआ है.


वक्फ के नियम कानून बहुत जटिल होने की वजह से कॉलेज के लोगों ने मजार और सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे के बाद कई तरह की आशंका जताई जा रही है. यह कॉलेज लगभग 100 एकड़ जमीन में फैला हुआ है. इस कॉलेज में एक छोटी सी मजार है, जिसकी वजह से इस प्रॉपर्टी पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के जरिये कथित तौर पर दावा किया जा रहा है. 


यूपी कॉलेज प्रिंसिपल ने क्या कहा?
उदय प्रताप कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ डीके सिंह ने कहा कि इस कॉलेज की साख और प्रसिद्धि बहुत ज्यादा है, इसलिए यह कल्पना करना कि वक्फ इसे अधिग्रहित कर लेगा, बेमानी है. उन्होंने कहा कि एक विद्या के मंदिर में वक्फ का दावा ठहरे हुए पानी में पत्थर फेंकने के समान है.


प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ डीके सिंह ने बताया कि फिलहाल वह सुन्नी वक्फ बोर्ड की नोटिस का जवाब कॉलेज ट्रस्ट ने दे दिया है, लेकिन चोरी छिपे मस्जिद के लोग इसमें लगातार निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं जो आगे तनाव की वजह बन सकता है.


ये भी पढ़ें: Sambhal हिंसा पर जमीयत उलमा-ए-हिंद की चिट्ठी पर डिंपल यादव का बड़ा बयान, जानें- क्या कहा?