वाराणसी: कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के पैनल ने काशी विद्यापीठ में हुए छात्र संघ चुनाव में अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज की है. एनएसयूआई के उम्मीदवारों ने उपाध्यक्ष और महासचिव के पदों पर जीत हासिल की. चुनाव नतीजे से एबीवीपी को बड़ा झटका लगा है. एनसीयूआई के उम्मीदवारों ने संकाय प्रतिनिधि के रूप में भी आठ में से छह सीटें जीती हैं.


एबीवीपी 2017 में भी छात्र संघ चुनाव हार गई थी


एनएसयूआई की जीत और एबीवीपी की हार महत्वपूर्ण है क्योंकि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. एबीवीपी 2017 में भी छात्र संघ चुनाव हार गई थी. कांग्रेस एनएसयूआई की जीत को 'युवाओं के बदलते मूड के संकेत के रूप में देखती है' और पार्टी उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों में बड़े लाभ की उम्मीद कर रही है.


बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में केवल एक सीट पर सिमट कर रह गई थी. अब अपनी खोई जमीन को दोबारा हासिल करने के लिए पार्टी एड़ी-चोटी को जोर लगा रही है. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा प्रदेश में सियासी समीकरणों को बदलने व सत्तारूढ़ भाजपा के लिए कांग्रेस को मुख्य चुनौती बनाने की कोशिशों के साथ विभिन्न वर्गों के लिए प्रचार में जुटी हैं.






प्रियंका गांधी लगातार यूपी के दौरे कर रही हैं


प्रियंका गांधी लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे कर रही हैं. किसान महापंचायत के माध्यम से वो कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही हैं. ऐसे में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में मिली इस जीत से पार्टी को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी.


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