UP Varanasi News: विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी को 84 घाटों के रूप में पहचाना जाता है. प्राचीनतम और आधुनिकता के संगम के साथ साथ अब काशी के घाटों की खूबसूरती को और चार चांद लगने वाले हैं. अब काशी का एक और प्राचीन घाट बनकर तैयार हो रहा है, जहां पर देव दीपावली, छठ पूजा, गंगा आरती व अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन आयोजित किए जा सकेंगे. इस घाट पर आयोजन के साथ-साथ देश और दुनिया से पहुंचने वाले पर्यटकों की सुविधाओं का भी खास ध्यान रखा जा रहा है.


देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी हमेशा से ही श्रद्धालु और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही है. खासतौर पर उत्तर वाहिनी मां गंगा के किनारे काशी के अर्धचंद्राकार का गंगा घाट सबको भाव विभोर करने वाला रहता है. एबीपी लाइव को मिली जानकारी के अनुसार अब वाराणसी के सामने घाट से रामनगर को जोड़ने वाले पुल के ठीक बगल में पक्का घाट तैयार हो रहा है


इस घाट की पूरी लंबाई 110 मीटर है. घाट पर गंगा आरती, पूजा के लिए एक प्लेटफार्म, चुनार स्टोन की छतरी, चेंजिंग रूम, हाई मास्ट लाइट, स्ट्रीट लाइट, साईनेज, पानी पीने की व्यवस्था, पाथ-वे, पार्किंग,  स्टोन पिचिंग , बुजुर्गों और दिव्यांग जनों के लिए रैंप हॉर्टिकल्चर और अन्य व्यवस्थाओं को तेजी से तैयार किया जा रहा है.


इस घाट पर भी हो सकेंगे धार्मिक आयोजन
वाराणसी के घाटों पर देव दीपावली सांस्कृतिक आयोजन छठ पूजा और गंगा आरती दुनिया में काफी प्रसिद्ध रही है. इसी क्रम में अब यह सभी आयोजन वाराणसी के एक और घाट पर सकुशल आयोजित हो सकेगा. निश्चित ही गंगा घाट की खूबसूरती देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों को काफी प्रभावित करती आईं है जिसमें एक और कड़ी जुड़ने जा रही है. आकर्षक पत्थरों से तैयार किए गए इस घाट से बनारस की खूबसूरती और बढ़ेगी. करोड़ों रुपए की लागत से यहां का पुनर्विकास कार्य तेज़ी से पूर्ण कराया जा रहा है. देव दीपावली से पहले इसे तैयार कर लेने का लक्ष्य रखा गया है.


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