Varanasi News: वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 46वां दीक्षांत समारोह बुधवार को संपन्न हुआ. इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश की शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी और विश्वविद्यालय प्रशासन के पदाधिकारी प्रोफेसर छात्र-छात्राएं और अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी रही. आयोजन के दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसको लेकर अब चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. 


दरअसल, दीक्षांत समारोह के दौरान  राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलपति सहित अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में ही कुछ पल के लिए बिजली कट गई. इस दौरान वहां मौजूद ज्यादातर लोग निर्धारित समय के लिए ही मानो असहज़ से हो गए. वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 46वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा था. 


इस दौरान हैरान करने वाला एक वाक्या तब सामने आया जब मंच पर राज्यपाल और प्रदेश सरकार में मंत्री सहित विश्वविद्यालय प्रशासन की मौजूदगी में ही बिजली कट गई. जिसके बाद इसकी नाराजगी साफ तौर पर विश्वविद्यालय के कुलपति के चेहरों पर भी देखी जा रही थी. हालांकि कुछ सेकेंड बाद बिजली व्यवस्था सामान्य रूप से पुनः शुरू हो गई, लेकिन इसकी वजह से वहां मौजूद लोग असहज हो गए. 


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सबसे बड़े कार्यक्रम में लापरवाही
बिजली कटने की वजह से माइक पर संबोधन को लेकर भी कुछ समय के लिए असुविधा को महसूस की गई. अब इस विषय को लेकर चर्चाओं का दौर लगातार जारी है कि विश्वविद्यालय के सबसे बड़े कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल की मौजूदगी में यह लापरवाही कैसे हो सकती है. इस बार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 97350 छात्र छात्राओं को स्नातक में, 19056 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर में और पीएचडी में 98 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई. 


वहीं 18 मेधावी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया जिसमें 12 मेडल छात्राओं को और 6 मेडल छात्रों को प्रदान किया गया. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी और निरंतर मेहनत करते हुए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी.