Varanasi Ramleela: धर्मनगरी काशी अपनी विरासत और सांस्कृतिक आयोजन के लिए पूरे विश्व में मशहूर है. इसी क्रम में रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला भी काशी की एक पहचान के रूप में देखी जाती है जो लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है. इस आयोजन को देखने के लिए लीला प्रेमी महीनो तक काशी में निवास करते हैं.  भगवान राम के संपूर्ण जीवन पर आधारित केवल यह रामलीला मंचन भर ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं को प्रभु राम के जीवन को बेहद करीब से अनुभव करने का एक अवसर मिलता है.


वर्षों से रामनगर की रामलीला आयोजन में शामिल रहने वाले अरविंद कुमार बताते हैं कि विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला को 250 वर्षो से आयोजित किया जा रहा है. राजा उदित नारायण सिंह ने सबसे पहले रामनगर में इसकी शुरुआत की थी. पहले यह एक जगह पर आयोजित होता था लेकिन समय बदलने के साथ रामनगर में ही अलग-अलग स्थलों पर आयोजित की जाती है. सबसे प्रमुख बात की यह आयोजन प्राचीन परंपरा के तहत बिना किसी आधुनिक व्यवस्था को शामिल किए संपन्न कराया जाता है.


17 सितंबर से शुरू होगी रामलीला
इसमें न सिर्फ सभी पात्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है बल्कि उनका खान-पान रहन शयन भी काफी संयमित रहता है. तिथि अनुसार अनंत चतुर्दशी के रावण जन्म से इस रामनगर के रामलीला की शुरुआत होती है और प्रभु राम के राज्यभिषेक तक यह आयोजन चलता रहता है. देश के अलग-अलग हिस्सों से लीला प्रेमी महीनो तक वाराणसी के रामनगर स्थित क्षेत्र में रहते हैं और  बड़े संयम व  धैर्य के साथ प्रभु राम के अलग-अलग जीवन पर आधारित मंचन का दर्शन करते हैं. इस दौरान पूरे रामनगर का माहौल राममय होता है.


अनंत चतुर्दशी से शुरू हो रहे रामनगर की रामलीला आयोजन के बारे में अरविंद कुमार ने बताया कि पात्रों का चयन हो चुका है. अथर्व पांडे प्रभु श्रीराम की भूमिका निभाएंगे,  वहीं आदित्य मिश्रा जानकी जी की भूमिका में होंगे. इसके अलावा देवराज त्रिपाठी राम जी के सबसे प्रिय भाई भरत के रूप में दर्शन देंगे और सूरज पाठक लक्ष्मण, ओम उपाध्याय शत्रुघ्न की भूमिका में होंगे. यह सभी पात्र वाराणसी, चंदौली और मिर्जापुर जनपद से हैं. जुलाई के अंतिम सप्ताह में गणेश पूजन के साथ ही पात्रों का प्रशिक्षण शुरू भी हो गया है. आने वाले 17 सितंबर से रामनगर के  रामलीला की शुरुआत हो जाएगी.


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