बांग्लादेश हिंसा पर काशी के संतों ने जताई चिंता, विपक्ष के नेताओं की बयानबाजी पर जताया ऐतराज
UP News: वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति और विश्व हिंदू परिषद की बैठक आयोजित की गई जिसमें बांग्लादेश के हालातों पर चर्चा की गई. विपक्षी नेताओं की बयान पर भी पलटवार किया.
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Varanasi News: बांग्लादेश के हालात को लेकर वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति और विश्व हिंदू परिषद की बैठक आयोजित की गई. विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों और संतों ने बांग्लादेश के हालात पर चिंता जताई. बांग्लादेश में हो रहे हिंदू सिखों के धार्मिक स्थल पर हिंसक घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई. इस दौरान देश के विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए बयान पर भी पलटवार किया है. कहा कि ऐसी भाषा देश का माहौल बिगड़ने की सोची समझी साजिश के तहत बोली जा रही है.
अखिल भारतीय संत समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, संत बालक दास और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी सहित अन्य पदाधिकारीयों की मौजूदगी में वाराणसी के सिगरा स्थित कार्यालय पर एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विशेष तौर पर बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और हिंदू सिख धार्मिक स्थलों पर हुए हमले को लेकर चर्चा हुई.
"विपक्षी नेता देश का माहौल खराब न करें"
इस बैठक के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि पड़ोसी देश बांग्लादेश की हालात जल्द सामान्य हो यह भारत के हर जन मानस का मानना है. भारत पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और ऐसे गंभीर हालत में भी भारत अपने पड़ोसी धर्म के तहत बांग्लादेश के साथ मजबूती से खड़ा है. इसके अलावा बांग्लादेश के अलग-अलग जगह से आ रही हिंदू और सिख धार्मिक स्थलों की हिंसक घटनाओं पर नाराजगी जताई और गठित अंतरिम सरकार से अपील करते हुए कहा कि वहां पर धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सबके हित और सुरक्षा का ख्याल रखा जाए.
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि आपदा विपदा में भारत ने हमेशा से ही दुनिया को राहत प्रदान करने के लिए तत्परता दिखाई है और यह स्पष्ट बताता है कि भारत एक जिम्मेदार और समर्थ्यवान देश है. देश में बैठे कुछ नेता भारत का माहौल खराब करने के उद्देश्य से गैर जिम्मेदाराना बयान देते हैं. किसी अन्य देश के लोकतांत्रिक अस्थिरता को भारत के हालात से तुलना करते हैं. ऐसे लोगों को सीधे तौर पर चेतावनी देना चाहूंगा कि भारत को अस्थिर करने का प्रयास न किया जाए, नहीं उन्हें हमारा सनातन समाज कभी माफ नहीं करेगा.
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