Maulana Syed Arshad Madani News: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के पदाधिकारियों ने एक बार फिर देश के विरोध में जहर उगला है. हमेशा से देश विरोधियों का समर्थन करने वाली जमीयत उलेमा ए हिंद संगठन की तरफ से मुंबई में बुलाए गए अधिवेशन में बजरंग दल पर प्रतिबंध को सही ठहराने और देश विरोधी बातों का खुलकर समर्थन करने पर संत समाज आक्रोशित है. संतो ने बेहद तल्ख अंदाज में मौलानाओं को चेतावनी देते हुए कांग्रेस पर भी जमकर हमला करते हुए कहा कि सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म शब्द को इंदिरा गांधी ने जबरदस्ती जोड़ा, यह संविधान का शब्द नहीं है, कांग्रेस थूक कर चाटती है. बजरंग दल देश भक्तों का संगठन है, देश पर मरने वालों का संगठन है इसके पीछे देश का संत समाज खड़ा है.
वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने मुंबई में हुए जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अधिवेशन में हिंदू राष्ट्र की मांग का मौलानाओं द्वारा विरोध करने पर चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि उन्हें इतिहास और अपनी याददाश्त दोनों को दुरुस्त रखना चाहिए. मौलानाओं की तरफ से जिस तरह से खालिस्तान का समर्थन किया गया, वह उनकी देशद्रोही मानसिकता को दर्शाता है. साल 1975 में सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म शब्द को इंदिरा गांधी ने जबरदस्ती जोड़ा, यह संविधान का शब्द नहीं है, भारत हिंदू राष्ट्र था है और भविष्य में भी रहेगा
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि किसी भी राज्य सरकार को किसी संगठन के पास प्रतिबंध लगाने का अधिकार ही नहीं है. कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए संघ पर कई बार प्रतिबंध लगाया, मौलाना साहब आप इतिहास और अपनी याददाश्त दोनों दुरुस्त रखिए. बजरंग दल राष्ट्रीय एकता और अखंडता का बल है बजरंग दल सनातन हिंदू धर्म के युवाओं की युवा शक्ति है, जिसके पीछे संत समाज खड़ा है. बजरंग दल धर्म निष्ट राष्ट्रभक्त राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए जूझने और मरने वालों का संगठन है, इस पर प्रतिबंध लगाने का सपना लेकर दुनिया में आए हो और दुनिया से विदा हो जाओगे बजरंग दल गुंडों का संगठन नहीं है.
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