वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के नाम पर विवाद, सपा-कांग्रेस ने किया विरोध, बताया महापुरुषों का अपमान
Varanasi News: पीएम मोदी ने हाल ही में वाराणसी में इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम की सौगात दी है, जिसके नाम को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. सपा-कांग्रेस ने इसे लेकर बीजेपी पर हमला किया है.
Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल के खिलाड़ियों को वाराणसी में एक नए स्वरूप में तैयार हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम की बड़ी सौगात दी है. अब इस स्टेडियम के नाम लेकर सियासी जंग शुरू हो गई है. जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी ने महापुरुषों के अपमान का आरोप लगाते हुए स्टेडियम से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ संपूर्णानंद के नाम को हटाकर वाराणसी स्पोर्ट्स कंपलेक्स रखने की बात कही है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रविंद्र जायसवाल का कहना है कि इस स्टेडियम के नाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी बीजेपी पर पूरी तरह से हमलावर है. समाजवादी पार्टी की तरफ से एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि वाराणसी स्थित स्टेडियम का पूर्व में नाम डॉक्टर संपूर्णानंद पर था और इसका नाम बदलकर वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स रख दिया गया है जो हमारे महापुरुषों का अपमान है और इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. अगर जल्द ही इसे पुनः वही नाम नहीं दिया जाता है तो समाजवादी पार्टी जन आंदोलन करेगी.
कांग्रेस ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी का भी एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को ज्ञापन देने के उद्देश्य से जिला मुख्यालय पहुंचा. कांग्रेस पार्टी के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि वाराणसी के सिगरा स्टेडियम का व्यवसायीकरण किया जा रहा है और इसका नाम बदलना हमारे राजनेता का बड़ा अपमान है. हम स्पष्ट कहना चाहेंगे कि अगर पुनः इस स्टेडियम का नाम डॉक्टर संपूर्णानंद जी के नाम पर नहीं रखा गया तो कांग्रेस कार्यकर्ता खुद बोर्ड लगाने के लिए बाध्य होंगे.
इस मामले में वाराणसी उत्तरी के विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रविंद्र जायसवाल ने भी बयान दिया है. उन्होंने स्टेडियम नाम बदलने वाले मामले पर कहा है कि स्टेडियम परिसर के अंदर बनाए गए परिसर का नाम वाराणसी स्पोर्ट्स कॉपलेक्स रखा गया है. इसका नाम नहीं बदला गया है. किसी भी बड़े संस्थान के नाम बदलने की एक प्रक्रिया निर्धारित होती है. और यहां ऐसा कुछ भी नहीं है. इस स्टेडियम के नाम बदलने के संबंध में ऐसा कोई भी प्रस्ताव न ही भारत सरकार के पास है और न ही खेल मंत्रालय के पास है.
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