Uttar Pradesh News: हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद-चर्च, धर्मांतरण, घर वापसी, सनातन आदि की चल रही चर्चाओं के बीच संत महात्मा भी अपने बयान देनें में पीछे नहीं रह रहे हैं. कभी संस्कृत को लेकर, कभी धार्मिक किताब को लेकर तो कभी किसी राजनेता के विवादित बयान पर चर्चाओं का सिलसिला कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच पुरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Jagadguru Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati) ने भी यूपी के वाराणसी (Varanasi) में एक बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने दावा किया कि 'अल्लाह' शब्द संस्कृत का है और इसे मां दुर्गा के आह्वान के लिए इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने कहा कि, 'अल्लाह' शब्द मातृ वाचक और शक्तिवाचक शब्द है. 


धीरेंद्र शास्त्री का किया समर्थन
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मीडिया से बात करते हुए यह बात कही. उन्होंने धर्म पर सवाल उठाने वालों को संस्कृत व्याकरण का अध्यन करने की सलाह दी और सभी के पूर्वजों को सनातनी वैदिक आर्य बताया. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म एक ही है और बाकी सब पंथ हैं. साथ ही उन्होंने बागेश्वर धाम के पंडित आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री हिंदुओं को भटकने से बचा रहे हैं. शास्त्री के काम को ठीक बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे चमत्कार करते हैं. वे हमेशा कहते हैं कि हनुमान जी की कृपा है.


क्या कहा था अरशद मदनी ने 
बता दें कि निश्चलानंद का यह बयान जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अल्लाह और ओम एक हैं. शंकराचार्य ने रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वालों को चाणक्य नीति का अध्ययन करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि उनलोगों में हिम्मत है तो बाइबल और कुरान पर कटाक्ष करके दिखाएं. धर्म और राजनीति एक दूसरे से अलग नहीं हैं और धर्म के बिना राजनीति हो ही नहीं सकती. उन्होंने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा. 


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