कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए आगे आए वरुण गांधी, किया ये काम
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कोरोना काल में अनाथ हुए 24 गरीब बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लिया है. ये बच्चे 12वीं तक की पढ़ाई निशुल्क करेंगे. अन्य खर्चे वरुण गांधी स्वयं उठाएंगे.
Varun Gandhi Pilibhit Visit: पीलीभीत में करोना काल के दौरान माता-पिता को गंवा चुके ऐसे 24 गरीब बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने लिया है. वरुण गांधी ने जिन स्कूलों में बच्चे पढ़ रहे थे उन स्कूलों के प्रबंधकों से बात कर मदद की बात कही थी, जिसके बाद स्कूल प्रबंधक मान गए हैं. अब ये बच्चे 12वीं तक की पढ़ाई निशुल्क करेंगे. इसके साथ ही जो अन्य खर्चे आएंगे वो वरुण गांधी स्वयं उठाएंगे. इसी को लेकर आज वरुण गांधी ने स्कूल प्रबंधकों, बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बच्चों को सम्मानित भी किया और उनको निशुल्क पढ़ाई के लिए स्कूलों की तरफ से दिए गए लिखित आश्वासन को सौंपा.
निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी
पीलीभीत में सांसद वरुण गांधी ने कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक की और कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई के संबंध में बातचीत की. दो दर्जन बच्चों को पत्र देकर स्पष्ट किया कि निजी विद्यालयों में उनकी शिक्षा नहीं रुकेगी, उन्हें छात्रवृत्ति दी जाएगी साथ ही निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी.
कोरोना से प्रभावित हुई शिक्षा
वरुण गांधी ने बताया 2 सप्ताह पहले उनकी जानकारी में आया कि करीब दो दर्जन ऐसे बच्चे हैं जिनकी शिक्षा का क्रम गरीबी के कारण टूट गया है. अब ऐसे बच्चों को स्कूल स्कॉलरशिप देंगे और इनकी शिक्षा चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट बच्चों की शिक्षा को बहुत प्रभावित कर रहा है, उनकी खुद की बेटी की शिक्षा प्रभावित हुई है. आज जो बच्चे आए उनको अब 12वीं तक फीस नहीं देनी पड़ेगी.
यूपी सरकार कर रही है मदद
बता दें कि, उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने के कारण कई बच्चे अनाथ हो गए हैं. ऐसे में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन अनाथ बच्चों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चो का सहारा बनेगी. इस योजना के तहत कुल 4050 बच्चों को चिन्हित किया गया है, इसमें से 240 बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है. वहीं, 3810 बच्चे ऐसे है, जिनके माता या पिता की कोरोना से मृत्यु हुई है, ऐसे प्रत्येक परिवार को 4000 रूपया प्रतिमाह भरण-पोषण के लिए दिया जाएगा.
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