देहरादून: कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए राज्य सरकार मई माह में ही वात्सल्य योजना लाने का ऐलान कर चुकी है. लेकिन अब तक इस योजना का शासनादेश जारी न होने की वजह से धरातल पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है, जिसे लेकर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने गहरी नाराजगी जताई है.
मुख्य सचिव को लिखा पत्र
बता दें कि, वात्सल्य योजना को जल्द से जल्द धरातल पर लागू करने के लिए राज्यमंत्री रेखा आर्य की ओर से आज एक पत्र भी मुख्य सचिव उत्तराखंड को लिखा गया है. जिसमें उन्होंने इस योजना का शासनादेश जल्द से जल्द जारी करने या इस योजना का प्रस्ताव कैबिनेट में प्रस्तुत करने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि, इस योजना को सही तरह से लागू करने के लिए सभी अन्य विभागों का भी सहयोग जरूरी है. इस पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
देरी होने पर अनाथ बच्चों के हितों का हनन
राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहा कि, वात्सल्य योजना के धरातल पर लागू होने में जितना विलंब होगा यह सीधे तौर पर उन अनाथ बच्चों के हितों का हनन होगा, जो कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोकर अनाथ हो चुके हैं.
वहीं, राज्यमंत्री की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि, वात्सल्य योजना के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव में अब इस योजना का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. इस योजना के तहत अब उन बच्चों को भी लाभान्वित किया जाएगा, जिनकी परवरिश अब तक सिंगल पैरंट कर रहे थे. लेकिन अब कोरोना काल में वह भी गुजर चुके हैं. वहीं, वह बच्चे भी इस योजना के दायरे में आएंगे जिनके माता या पिता दोनों में से एक तो है लेकिन उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है.
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