Mahoba News: उत्तर भारत में अपनी आन, बान और शान के लिए मशहूर महोबा के ऐतिहासिक 843 वां कजली मेले का उद्घाटन सदर विधायक, एमएलसी और डीएम, एसपी ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया है. इस मौके पर अन्य जनप्रतिनिधियों भी मौजूद रहे. जहां पालिका अध्यक्ष ने सभी अतिथियों को पगड़ी पहनाकर जुलूस आरंभ कराया गया. ऐतिहासिक कजली मेले की शोभायात्रा को देखने के लिए लाखों की भीड़ महोबा की सड़कों पर दिखाई दी. तो वहीं सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल भी तैनात रहा है.
महोबा में रक्षाबंधन के अगले दिन राखी बांधने की प्राचीन और ऐतिहासिक परंपरा है. जिसमें यहां के शूरवीर आल्हा ऊदल की वीरता को याद कर रक्षाबंधन पर्व को विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है.बारहवीं शताब्दी के गौरवशाली चंदेल साम्राज्य के वैभव पूर्ण अतीत की स्मृतियों को संजोये उत्तर भारत का सबसे प्राचीन और विशाल महोबा का कजली मेला आज से आरम्भ हो गया. वीर भूमि महोबा में कजली मेला "विजय पर्व " के रूप में मनाया जाता है.
कजली महोत्सव सद्भावना का प्रतीक
एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में पारंपरिक लोक नृत्य के साथ लोगों के मनोरंजन के लिये विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस बार भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन होना है. जिसमे टीवी कलाकार हप्पू सिंह भी आ रहे है. यहाँ हिन्दू-मुसलमान, सिख-ईसाई सभी कजलियों को पवित्र मानकर सम्मान करते हैं. महोबा का यह कजली महोत्सव सद्भावना का प्रतीक माना जाता है. इस मेले की खासियत शोभा यात्रा होती है,जिसे देखकर आल्हा उदल और उनके गुरु ताला सैयद को याद किया जाता है.
झांकिया देखने के लिए लोग उमड़ पड़े
शहर के हवेली दरवाज़े से शुरू हुई शोभायात्रा में लाखों की भीड़ देखने को मिली. शोभायात्रा में हाथी पर सवार आल्हा और घोड़े पर बैठे उदल सहित आल्हा खंड में लिखे सभी इतिहास के पात्रों की झांकिया देखने के लिए लोग उमड़ पड़े. इस दौरान शौर्य और वीरता के महाकाव्य आल्हा के फिजाओं में गूंज रहे ओजस्वी स्वरों के बीच समूचे जनपद में भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार भी पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने कहा कि ये देश का ऐतिहासिक विशेष महत्व का मेला है.
मेले की सुरक्षा को लेकर एसपी अपर्णा गुप्ता बताती है कि मेले को दो जॉन और सात सेक्टर में बांटा गया है. साथ ही दो कंपनी पीएसी लगाई गई हैं. लगभग ढाई सौ से 300 पुलिस कर्मियों का फोर्स मेले की सुरक्षा के लिए लगाया गया है. मेले की कमान 6 सीओ को सौंपी गई है. किसका नेतृत्व खुद एडिशनल एसपी सत्यम करेंगे. मेले के अंदर ही एक थाना बनाया गया है जो दूर दराज से आने वाले लोगों पर निगरानी रखेगी. ऐसे में मेले के दौरान आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
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