अम्बेडकर नगर: एक तरफ कोरोना का संकट तो दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई. आलू और प्याज के दाम इस कदर बढ़ गए हैं कि आम लोगों तक इनकी पहुंच दूर हो गई है. इस वक्त सब्जियों कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. दिहाड़ी मजदूर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग ही नहीं, बल्कि एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए भी पिछले कुछ सप्ताह के दौरान आलू, प्याज की कीमतों में आए उछाल की वजह से अपने रसोई के बजट का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है.


आसमान छू रहे हैं दाम
गरीब की थाली से सब्जी गायब हो गई है. महंगाई की मार अब सब्जियों पर पड़ रही है. अम्बेडकर नगर में इस समय सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. दो से तीन गुना तक बढ़े सब्जियों के दाम ने आम लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है. गरीबों के लिए मुफीद मानी जाने वाली सब्जी आलू और प्याज के दाम इस समय बेतहाशा बढ़ गए है. सब्जी खरीदने से पहले लोगों को अपनी जेब टटोलनी पड़ रही है. महंगाई की मार आम जनता के साथ साथ दुकानदार भी झेल रहे हैं.


दुकानदारों पर भी पड़ रहा है असर
अम्बेडकर नगर में सब्जियों की बढ़ी कीमतों का असर आम जनता के साथ दुकानदारों पर भी पड़ रहा है. नवीन सब्जी मंडी में ग्राहकों की संख्या में कमी आई है और दुकानों पर बिक्री भी कम हुई है. आलू और प्याज गरीबों की सब्जी मानी जाती थी और सब्जी न सही गरीब आलू प्याज से काम चला लेता था. लेकिन, इस समय आलू और प्याज के दाम आसमान पर हैं. इनके दामों में 2 से 4 गुना तक बढोत्तरी हो गयी है.


जमाखोरी के कारण बढ़ी महंगाई
20 रुपये में बिकने वाला आलू 40 रुपये और 15 रुपये में बिकने वाली प्याज 60 रुपये में बिक रही है. ग्राहकों का कहना है जब किसान पैदा कर बेचता है तो यही आलू और प्याज 10 से 15 रुपये में बिकता है. लेकिन, जब आम आदमी इसे खरीदने जाता है तो उसे 40 रुपये और 60 रुपये देने पड़ रहे हैं. ये सब जमाखोरी के कारण हो रहा है, इसको लेकर कोई नियम कानून नहीं है. दुकानदारों पर भी इस महंगाई की मार पड़ रही है. उनका कहना है कि सब्जियों के दाम बढ़ने से बिक्री में कमी आई है. ग्राहक कम आ रहे हैं जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है.



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