कानपुर, प्रभात अवस्थी। देश के बहुचर्चित नरसंहार बेहमई हत्याकांड पर 6 जनवरी 2020 को फैसला आने की उम्मीद है। 39 साल पहले डकैत से सांसद बनी दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने 14 फरवरी 1981 को कानपुर देहात के बेहमई गांव में 20 लोगों को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून दिया था। अब इस हत्याकांड पर फैसला आने वाला है। पूरे मामले पर डेढ़ महीने ले चल रही बहस कानपुर देहात के स्पेशल कोर्ट में पूरी हो गयी है।
कानपुर देहात के बीहड़ क्षेत्र बेहमई में हुये इस हत्याकांड के बाद गांव के लोगों ने मरने वालों की याद में एक स्मारक बनाया है। यहां पत्थर भी लगाया गया है जिस पर उनका नाम खुदा है।
आने वाले फैसले को लेकर सरकारी वकील राजू पोरवाल काफी उत्सुक है। उनका कहना है कि 2011 में जब ट्रायल शुरू हुआ था तब 5 आरोपी थे, जिसमे से एक आरोपी की जेल में ही मौत हो गयी थी और जिस दिन घटना हुई थी, उस दिन दर्ज एफआईआर में पुलिस ने चार गैंग फूलनदेवी, राम औतार, मुस्तकीम और लल्लू गैंग और 35-36 डकैतों को आरोपी बनाया था। सरकारी वकील ने बताया कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कभी सारे आरोपी एक साथ अदालत में हाज़िर नहीं हो पाए इस वजह से ट्रायल नहीं शुरू हो पाया। राजू पोरवाल ने बताया कि अब चार आरोपी बचे हैं उनके लिए फैसला आने वाला है।
वही डकैतों के वकील रघुनंदन सिंह का कहना है कि 6 जनवरी को फैसला आने वाला है लेकिन इसमें से जो मुख्य आरोपी थे उनकी मौत हो चुकी है और कुछ हाज़िर भी नहीं हुए। जो चार लोग बचे हैं, ये दोषी नहीं है, क्योंकि जो विश्वनाथ है वो घटना के वक्त नाबालिग ही था और भी जो लोग हैं वो मुख्य आरोपी नहीं थे। बाकी जो भी फैसला होगा वो मान्य होगा।
कौन थी फूलन देवी
10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के जालौन के घूरा का पुरवा गांव में फूलन देवी का जन्म एक मल्लाह परिवार में हुआ था। फूलन देवी का बचपन बेहद गरीबी में बीता था लेकिन वो बचपन से ही दबंग थीं। 10 साल की उम्र में जब उन्हें पता चला कि चाचा ने उनकी जमीन हड़प ली है तो चचेरे भाई के सिर पर ईंट मार दी थी। फूलन के घरवाले उनकी इस हरकत से इतना नाराज हो गए थे कि महज 10 साल की उम्र में 35 साल बड़े आदमी से शादी कर दी थी। शादी के बाद उनके पति ने रेप किया, धीरे-धीरे फूलन की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें मायके आना पड़ गया।
2001 में फूलन देवी की हत्या कर दी गई
बेहमई कांड के बाद बाद फूलन देवी ने मध्य प्रदेश पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। मीरजापुर से लोकसभा की सांसद चुने जाने के पहले वह काफी दिनों तक ग्वालियर और जबलपुर जेल में रहीं। साल 2001 में शेर सिंह राणा नाम के व्यक्ति ने दिल्ली में फूलन देवी के घर के बाहर ही उनकी हत्या कर दी थी।