महाकुंभ की जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे पर VHP बोले- 'नमाजवादी गैंग के पैरों तरे निकली जमीन'
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी बड़ा दावा करते हुए महाकुंभ स्थल की जमीन को वक्फ की संपत्ति करार दिया. उनके इस दावे के बाद अब बयानबाजी शुरू हो गई है.
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. महाकुंभ मेले में मुस्लिमों के प्रवेश और दुकानें लगाने को लेकर बयानबाजी तेज है. इस बीच मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दावा किया है कि महाकुंभ का मेला वक्फ बोर्ड की 55 बीघा जमीन पर हो रहा है. इस बयान के बाद अब विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल का बयान आया है.
विनोद बंसल ने कहा, 'जैसे जैसे महाकुंभ की तिथि की डेट नजदीक आ रही है वैसे-वैसे नमाजवादी पार्टी और नमाजवादी गैंग के पैरों तरे जमीन निकली जा रही है. जब इस्लाम नहीं था तबसे प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ का आयोजन हो रहा है ,ऐसे बयानों से वक्फ बोर्ड की भी कलई खुल गई है. विश्व के सबसे बड़े महाकुम्भ पर भी उनकी गिद्ध दृष्टि लगी हुई है.'
उन्होंने कहा कि यह जिहादी मानसिकता के लोग हैं. माँ भारती की कितनी एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड ने कब्जाई हुई है उससे मुक्ति पानी होगी. ऐसे मौलाना जिन्ना के रास्ते पर चल पड़े हैं. ऐसे मौलाना गजवा ए हिन्द का सपना पाले बैठे हैं लेकिन उनका यह सपना कभी भी पूरा नहीं होगा.
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क्या किया दावा
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने हमेशा बड़ा दिल दिखाया है और उसके सबूत दिए हैं. उसकी मिसालें भी बहुत सारी मिलेंगी. महाकुंभ मेले में अखाड़ा परिषद, नागा संन्यासियों और स्वामी बाबाओं ने मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया.
उन्होंने अपने दावे में कहा कि लेकिन खुद प्रयागराज के जो मुसलमान हैं, उनमें से एक सरताज ने इस बात की जानकारी दी कि जिस जमीन के ज्यादातर हिस्से पर शामियाने और तंबू लगाए गए हैं, वो जमीन वक्त की है और वहां के मुसलमानों की है. ये जमीन लगभग 54 बीघा है. इसके बाद भी मुसलमानों की दरियादिली देखिए कि उन्होंने बड़ा दिल दिखाते हुए मेले की तैयारियों पर कोई आपत्ति नहीं की है.